इंदौरधर्म-ज्योतिष

लुप्त होती वेद परंपराओं को पुनर्जीवित करना है वेद महोत्सव का लक्ष्य : सांसद लालवानी

विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने  कहा – इस महोत्सव से शहर के जन-जन को जोड़ना जरूरी

इंदौर, । वेद हमारी ऐसी धरोहर है जिसके लुप्त होने पर ना हमें हमारा धर्म बचा पाएगा और ना ही हमारी परंपराएं। वेदों में समाहित ज्ञान को जन जन तक पहुंचाना ही वेद महोत्सव का लक्ष्य है। इंदौर का हर आस्थावान व्यक्ति इस महोत्सव की आयोजन समिति का सदस्य है।

यह बात अखिल भारतीय वेद महोत्सव की आयोजन समिति के संरक्षक सांसद शंकर लालवानी ने शहर के धार्मिक, सामाजिक संगठनों की बैठक में व्यक्त किए। इस बैठक का आयोजन 16 से 18 दिसंबर तक शहर में आयोजित हो रहे वेद महोत्सव से शहर के धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों को जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था। राजमोहल्ला स्थित वैष्णव विद्या परिसर में आयोजित इस बैठक में सांसद लालवानी ने कहा कि एक समय में देश भर में इन वेदों की 11 सौ से अधिक शाखाएं कार्यरत थी लेकिन अब घटकर यह संख्या 12 तक सीमित हो गई है। कई प्रदेशों में वेदों के ज्ञाता भी नहीं बचे हैं अतः हमारी सांस्कृतिक धरोहर वेदों को बचाने के लिए अखिल भारतीय वेद महोत्सव का आयोजन इंदौर में 16 से 18 दिसंबर के बीच किया जा रहा है। आपने कहा इंदौर वासियों के लिए यह दुर्लभ अवसर है जब वे इस आयोजन में सम्मिलित होकर वेदों में मौजूद गूढ़ ज्ञान को समझ सकते हैं। इस तीन दिवसीय आयोजन में देश के प्रखंड विद्वान आएंगे तथा वेदों के ज्ञान की व्याख्या करेंगे।

 आयोजन समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम पसारी ने कहा वेद की ऋचाएं हमारी सांस्कृतिक एवं सनातन संस्कृति का मूल आधार है। वेदों में राजनीति से लेकर सेटेलाइट पुराने तक का ज्ञान समाहित है। इसलिए इस महत्वपूर्ण आयोजन में पूरा शहर एकजुट होकर शामिल हो आयोजन समिति की यही भावना है। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि बैठक में शहर के गणमान्यजन उपस्थित थे। सभी के समक्ष आयोजन समिति के समन्वयक पंडित गणेश शास्त्री ने संपूर्ण आयोजन की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में विद्याधाम मंदिर के पंडित राहुल शर्मा ने संस्कृत पाठशाला में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के लिए इसे एक दुर्लभ अवसर बताया। जैन समाज के प्रमुख अशोक बड़जात्या ने कहा कि विश्व को युद्ध से बचाना है तो वेदों का प्रचार प्रसार करना जरूरी है। इस आयोजन से युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ें तभी इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।

पंडित विजय अडीचवाल ने कहा कि आयोजन की स्मृतियों को स्थायी रखने के लिए इसमें आयोजित व्याख्यान को स्मारिका के माध्यम से सुरक्षित रखना चाहिए। पूर्व पार्षद विनीता धर्म ने महिला शक्ति को इस आयोजन से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने का आग्रह किया। समाजसेवी अशोक डागा ने कहा कि आयोजन के बाद मंथन से निकली बातों एवं निर्णय को अमल में लाने हेतु समिति को प्रयास करना चाहिए। बैठक में सुरेश बंसल, लोकेंद्र सिंह राठौर, डॉ एके गौर, पार्षद संध्या यादव, कंचन गिदवानी, सुधीर देडगे, दिलीप माटा सहित कई लोगों ने अपने सुझाव दिए। मंच पर आयोजन समिति के गिरधर गोपाल नगर, देवेंद्र मुछाल आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन कमल आहूजा ने किया एवं आभार आयोजन समिति के सचिव पंडित गोविंद शर्मा ने माना।

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