यज्ञ देवता एवं खाटू श्याम बाबा के जयघोष से गुंजायमान बना रहा पितृ पर्वत – महायज्ञ शुरू

इंदौर, । श्री खाटू श्याम सेवा समिति के तत्वावधान में आज से पितृ पर्वत पर हनुमानजी की साक्षी में पांच दिवसीय पच्चीस कुंडीय श्री खाटू श्याम महायज्ञ का शुभारंभ दिव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। इस दौरान यज्ञ देवता और खाटू श्याम के जयघोष से पितृ पर्वत गुंजायमान बना रहा। इस महायज्ञ में 100 यजमान युगल 61 पंडितों के निर्देशन में प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक ‘ओम श्री श्याम देवाय नमः’ मूल मंत्र से प्रतिदिन लगभग 60 हजार आहुतियां समर्पित की जाएंगी। जबलपुर से किन्नर महामंडलेश्वर संतोषी सहित अनेक संत-विद्वान आएंगे। श्याम भक्त मुस्काम शर्मा के श्रीमुख से प्रतिदिन रात में नानीबाई के मायरे की कथा होगी। शहर में खाटू श्याम महायज्ञ का यह प्रथम आयोजन हो रहा है।
आयोजन समिति के प्रमुख महंत नीलू बाबा ने बताया कि आज दोपहर पितरेश्वरधाम से निकली कलश यात्रा के पूर्व सुबह यजमानों का दशविध स्नान, हेमाद्रि संकल्प, पंचांग कर्म, गोपूजन, मुंडन संस्कार, ध्वजारोहण एवं अन्य शास्त्रोक्त कर्म अंतर्राष्ट्रीय खाटू श्याम अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी गोपालदास महाराज के सानिध्य एवं आचार्य प्रद्युम्न दीक्षित के निर्देशन में संपन्न हुए। शोभायात्रा में वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मणदास महाराज, महामंडलेश्वर आनंदीमाई सहित अनेक संत-विद्वानों ने भी भाग लिया। मंगल कलशधारी सैकड़ों महिलाएं ढोल, शहनाई की स्वर लहरियों के बीच पितरेश्वर धाम से यज्ञ स्थल तक पहुंची। मार्ग में खाटू श्याम भक्तों ने यज्ञ देवता और श्याम बाबा के जयघोष से आसमान गुंजाए रखा। यज्ञशाला में पहुंचने पर महामंडलेश्वर स्वामी गोपालदास महाराज एवं अंबिकापुरी स्थित खाटूश्याम धाम के भक्तों ने सबकी अगवानी की। यज्ञशाला में राजकिशोर शर्मा, गणेश शर्मा, धीरेन्द्र जायसवाल, मनीष जैन, गणेश शर्मा, महेश वर्मा एवं राजा शर्मा ने सभी विद्वानों का स्वागत किया। मुख्य यजमान राजकिशोर शर्मा ने बताया कि यज्ञशाला में 25 कुंडों पर 100 यजमान आचार्य पं. प्रद्युम्न दीक्षित के निर्देशन में 61 पंडितों के मार्गदर्शन में शामिल होंगे और प्रतिदिन बादाम, सूखे मेवों, फलों के रस एवं जड़ीबूटी तथा औषधि युक्त सामग्री से आहुतियां समर्पित करेंगे, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उपयोगी मानी गई है।
पितृ पर्वत पर बनाई गई पांच मंजिला यज्ञशाला के चारों द्वारों के नाम चारों वेदों के नाम पर रखे गए हैं। इसका निर्माण नागौर राजस्थान से आए श्यामसिंह और उनके 10 श्रमिक साथियों ने लगातार 10 दिनों के परिश्रम से किया है। यहां नियमित स्वाहाकार की मंगल ध्वनि प्रतिदिन दोपहर में गुंजायमान होंगी। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, जबलपुर के किन्नर महामंडलेश्वर एवं खाटू श्याम अखाड़े की सभापति संतोषी महाराज एवं व्यंकटेश मंदिर के स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज सहित अनेक संत-विद्वान पधारेंगे।