इंदौर; मैथिल भाषी मैथिली में संवाद कर अपनी मातृभाषा का संवर्धन करें: दरभंगा सांसद।

इंदौर। विनोद गोयल।
शहर में रह रहे मैथिल समाज के लोगों की संस्था मैथिल सामाजिक मंच द्वारा आयोजित जानकी महोत्सव एवं मिथिला विभूति पर्व समारोह में मिथिला की संस्कृति, परंपरा तथा मैथिलि लोक गीतों की मधुरता अपूर्व संगम देखने को मिला। मिथिला सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सुमधुर मैथिली लोक गीतों की प्रस्तुतियां दी गई। महाकवि विद्यापति द्वारा रचित मैथिलि लोक गीतों के प्रतुतीकरण से ऐसा आभास हो रहा था कि सम्पूर्ण वातावरण मिथिलामय हो गया हो। मिथिला के उभरते गायक देवानंद झा द्वारा प्रस्तुत `जय जय भैरवि असुर भयावनि, पशुपति भामिनि माया’ भगवती गीत से कार्यक्रम की शुरुआत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद मैथिलि एवं मिथिला का वर्णन करते हुए एक गीत प्रस्तुत किया गया। गायिका जुली झा ने माँ सीता, भगवान राम, छठ, मिथिला के भाई बहन का पर्व सामा चकेबा तथा होली पर आधारित मैथिली लोक गीतों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के बीच बीच में उद्घोषक राजीव ठाकुर ने हास्य एवं मैथिली चुटकुलों के माध्यम से लोगों को हंसाया, गुदगुदाया।
मिथिला समाज के लोगों द्वारा प्रदेश में मैथिली साहित्य अकादमी खोलने की मांग।
इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शहर के मैथिल भाषियों से अपनी मातृभाषा में संवाद करने का आग्रह करते हुए शहर के मिथिला समाज के लोगों की मांग पर इंदौर को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी तथा मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा से ट्रेन एवं हवाई मार्ग से जोड़ने हेतु उचित कारवाई करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मैथिल समाज के वरिष्ठ लोगों द्वारा प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें प्रदेश सरकार से प्रदेश में मैथिली साहित्य के संवर्धन हेतु मैथिली साहित्य अकादेमी खोलने की मांग की गई। समारोह में सैंकड़ों की संख्या में शहर में रह रहे मैथिल समाज की महिलाऐं, माताएं, पुरुषों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का आनंद लिया।