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पानसेमल; सबसे बड़ा रोग है, गलत मानसिकता-योग गुरू सोनी

पानसेमल चाहे आप योग करें, व्यायाम करें, चाहे आप ढेरों सुविधाएं जुटा लें, इन गतिविधियों से आप को राहत मिलेगी लेकिन पूर्ण स्वास्थ्य व तनाव मुक्त जीवन नहीं मिलेगा। मनुष्य वर्तमान में धन एवं वर्चस्व चाहता है इसी कारण वह भोगी बनकर रोगी बन रहा है। अधिक धन संग्रह के चक्कर में भोजन, विश्राम का समय, व्यावहारिकता भूलने के कारण वह शारीरिक,मानसिक क्षमता घटा रहा है। वर्चस्व के लिए वह अपना स्वाभिमान ,सम्मान, दांव पर लगाकर धन खर्च कर रहा है। इस कारण उसका जीवन असंतुलित हो रहा है। यदि व्यक्ति समानता का व्यवहार करे तो उसे धन, वर्चस्व ,और स्वास्थ्य अपने आप प्राप्त होगा। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने प्रात काल कृषि मंडी में शासकीय शिक्षकों से कहें निशुल्क योग शिविर में योग गुरु ने कटि आसन , उत्तानपादासन,मेरुदंड आसन, आदि का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर शिक्षक गण इंदास सोलंकी, सुनील बैसाने , जितेंद्र चौहान, भीम सिंह बर्डे, डेमसिहचौहान, सेवक राम डुडवे, शांतिलाल चौहान कैलाश जाधव आदि उपस्थित थे।
फोटो शिक्षक गण राहत आसन करते हुए

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