अशोक चिह्न विवाद ‘शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही, आजाद भारत का शेर है, जरूरत पड़ी तो काट भी सकता है’-अनुपम खेर बोले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के ऊपर सामने की ओर अशोक स्तंभ की प्रतिकृति (राष्ट्रीय चिह्न) का अनावरण किया था। पूजा-अर्चना भी की गई थी और विपक्षी दलों ने इस पर सवाल खड़ा किया था। विपक्षी नेताओं ने कहा था कि संसद सरकार की नहीं होती, लिहाजा अनावरण लोकसभा अध्यक्ष को करना चाहिए था। भाजपा की ओर से स्पष्ट किया गया था कि संसद का निर्माण सरकार कर रही है। निर्माण पूरा होने के बाद उसे संसद को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अशोक स्तंभ विवाद पर अभिनेता अनुपम खेर की भी एंट्री हो गई है। अनुपम ने ट्विट पर वीडियो जारी किया, साथ ही लिखा, ‘अरे भाई! शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही! आख़िरकार स्वतंत्र भारत का शेर है। ज़रूरत पड़ी तो काट भी सकता है! जय हिंद! ।’
नए संसद भवन के निर्माण के वक्त से ही लगातार विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने अब भवन के ऊपर स्थापित अशोक स्तंभ के शेरों के मुद्रा और भाव अलग होने का आरोप लगाया है। इन दलों का कहना है कि शांत-सौम्य शेरों की जगह गुस्सैल शेर प्रदर्शित किए गए हैं। उन्होंने इसे राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान बताते हुए तत्काल बदलने की मांग की है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राजद नेताओं की ओर से व्यंग्य किया गया कि अशोक काल की मूलकृति की जगह प्रतिकृति में निगल जाने की प्रवृत्ति का भाव है। जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि दोनों कृति एक जैसी हैं और यह भी समझाया कि दोनों में फर्क क्यों दिखाई दे रहा है।