मध्य प्रदेश के वनमंत्री विजयशाह के बेटे ने लड़ा जिपं का चुनाव,कांग्रेस प्रत्याशी को 11 करोड़ के मानहानि का नोटिस कहा- प्रचार में हमारी छवि धूमिल की

खंडवा
कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को 11 करोड़ की मानहानि का नोटिस मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव के प्रचार-प्रसार में कैबिनेट मंत्री विजयशाह और जिला पंचायत का चुनाव लड़े उनके बेटे की छवि धूमिल हुई इसलिए भेजा है। कैबिनेट मंत्री विजयशाह के पुत्र दिव्यादित्य शाह ने यह चुनाव 29 हजार वोट से जीत लिया। लेकिन मानहानि के नोटिस में चुनाव-प्रचार में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मुकेश दरबार द्वारा उनके मंत्री पिता व खुद के बारे में अनर्गल प्रचार करना बताया। मंत्री के सम्मान में दस करोड़ व खुद के एक करोड़ मिलाकर 11 करोड़ को नोटिस वकील के माध्यम से भेजा है।
हरसूद के अधिवक्ता अभिषेक पगारे ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रहे मुकेश दरबार को 24 जून 2022 को नोटिस जारी किया। लिखा कि- उनके पक्षकार दिव्यादित्य पिता विजयशाह (31) निवासी खालवा है। उन्होंने जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 14 से भाजपा का समर्थन प्राप्त कर चुनाव लड़ा है। जब मेरे पक्षकार दिव्यादित्य को अपार जनसमर्थन मिल रहा था। तब मुकेश दरबार ने सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों के माध्यम से मेरे पक्षकार और उनके पिता मंत्री विजयशाह को लेकर झूठी जानकारी प्रसारित करवाकर अफवाह फैला दी।
बगैर कोई सबूत के आरोप लगाकर मुकेश दरबार ने पक्षकार दिव्यादित्य और उनके पिता विजयशाह की छवि धूमिल की। सभी आरोप निराधार होकर असत्य है। चुनाव प्रचार के दौरान अफवाहों और धारणाओं को शिकायत का आधार बनाया। पूर्व में भी मुकेश दरबार ने स्लोगन लूटो रे की तर्ज पर असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया है। जिसके चलते मेरे पक्षकर दिव्यादित्य की एक करोड़ रुपए तथा उनके पिता विजयशाह की दस करोड़ रुपए की छवि को नुकसान पहुंचाया गया है। इस मानहानि के लिए कुल 11 करोड़ रुपए जमा कर रसीद प्राप्त करें। अन्यथा मेरा पक्षकार आपके विरुद्व न्यायालय में वैधानिक कार्रवाई करेगा।
मैं अगला विधानसभा चुनाव भी लडूंगा।
मुकेश दरबार का कहना है मैं अगला विधानसभा चुनाव भी लडूंगा। मंत्री और उनके बेटे सहित कई रसूखदार, कॉलेनाइजर ने मुझे दबाने की कोशिश की है। दिव्यादित्य के सामने जिला पंचायत का चुनाव न लड़ने को लेकर मुझे रुपए का ऑफर दिया गया था। लेकिन मैंने ठुकरा दिया। इन्होंने चुनाव प्रचार में सरकारी कर्मचारियों से प्रचार करवाया। मुझे रास्तें में रुकवाकर जान से मारने की धमकीयां तक दिलवाई। मेरे पास सारे सबूत है। इनके डराने से मैं दबूंगा नहीं।