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नबआं नेत्री मेधा पाटकर सहित 12 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज, साढे तेरह करोड की राशि के दुरुपयोग के आरोप

बड़वानी। सत्याग्रह लाइव।
कोतवाली पुलिस ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर सहित कुल 12 लोगों के विरुद्ध आदिवासी बच्चों की शिक्षा तथा अन्य सामाजिक कार्यों के नाम पर 13.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि में धोखाधडी का केस दर्ज किया है। जिले के राजपुर ब्लॉक के टेमला गांव के प्रीतमराज बड़ोले की शिकायत पर पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। मेधा पाटकर ने आरोप को बेबुनियाद बताकर ऑडिट करने की बात कही है।
प्रीतमराज बड़ोले द्वारा की गई शिकायत के बाद मेधा पाटकर, परवीन रूमी जहांगीर, विजया चौहान, कैलाश अवास्या, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोई, केवलसिंह बसावे, संजय जोशी, श्याम पाटिल, सुनीति एसआर, नुरजी पदवी व केसव वासवे पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। प्रीतमराज का कहना कि पाटकर द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ संस्था नर्मदा नवनिर्माण अभियान में 14 साल में 13.50 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसकी हेराफेरी की गई है। बड़वानी पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि एक शिकायती आवेदन पर मेधा पाटकर समेत 12 लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर इसकी विवेचनाशुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मेधा पाटकर तथा अन्य न्यासियों के विरुद्ध उनकी संस्था नर्मदा नवनिर्माण अभियान के माध्यम से सन 2007 से 2022 के बीच विभिन्न शैक्षणिक व सामाजिक गतिविधियों के नाम पर एकत्र राशि के दुरुपयोग का आरोप है। उन्होंने बताया कि प्रकरण की विवेचना में धाराएं और आरोपित बढ़ भी सकते हैं।
आरोप के मुताबिक मेधा पाटकर व अन्य आरोपितों ने सामाजिक कार्यों तथा मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों के प्राथमिक स्कूल स्तर पर शैक्षणिक उद्देश्य आदि के लिए दान एकत्र किया गया, लेकिन इस राशि से राजनीतिक गतिविधियों के वित्त पोषण के साथ विकास परियोजनाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन और आयोजन किए गए। प्राथमिकी में बताया गया कि लगभग 14 वर्षों में जिस समय न्यासियों ने लगभग 13 करोड़ 52 लाख 59 हजार 304 रुपयों की धनराशि जमा की एवं उतनी ही धनराशि खर्च की, परंतु न तो धन का स्रोत और न ही इसके लिए किए गए व्यय का स्पष्ट खुलासा किया। इसमें बताया गया है कि वर्ष 2020 से 2022 के दौरान भी जब पूरी दुनिया कोविड-19 से ग्रसित थी, उक्त न्यास सीएसआर नीति से मझगांव डक लिमिटेड से प्राप्त 65 लाख रुपये से अधिक राशि खर्च करने में कामयाब रहा। इसका हिसाब भी दर्ज नहीं है।

1.69 करोड़ रुपये नकद निकासी-
नर्मदा नवनिर्माण के तीन खातों से 1.69 करोड़ रुपये नकद निकासी, आडिट रिपोर्ट/ खाता विवरण का अस्पष्ट होना, व्यय का तथ्य के अनुरूप ना होना, ट्रस्ट द्वारा बनाए गए सभी 10 खातों में वित्तीय लेनदेन में संदिग्ध पैटर्न देखा जाना, जिसमें 4.7 करोड़ की राशि की नियमित व अज्ञात नगद निकासी हुई है। प्राथमिकी में इंदौर की अदालत में मेधा पाटकर द्वारा अपनी सालाना आय 6000 रुपये बताए जाने के विरुद्ध उनके व्यक्तिगत खाते में वर्ष 2007 से 2021-22 के बीच 19 लाख 25 हजार 711 रुपये प्राप्त हुए हैं। प्राथमिकी में यह भी आशंका जताई गई है कि नर्मदा नव निर्माण अभियान शायद या तो धन शोधन के लिए एक मोर्चा है या राष्ट्र विरोधी, भारत विरोधी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए महाराष्ट्र में धन भेजने के लिए बनाया गया है।

पाटकर ने कहा- पूरे दस्तावेज व आडिट उपलब्ध
वहीं इस मामले में मेधा पाटकर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि फिलहाल उन्हें इस तरह के प्रकरण दर्ज होने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं और हमारे पास आय और व्यय संबंधित समस्त दस्तावेज और आडिट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि विस्थापन बच्चों के अध्ययन के लिए चलाई जाने वाली जीवनशालाएं 30 वर्षों से संचालित हैं। यह लाकडाउन के दौरान बंद रहीं लेकिन अभी पुनः आरंभ हो गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जीवन शालाओं के लिए जो मदद आती है, वह उसी में खर्च की जाती है। इसके अलावा शिक्षा स्वास्थ्य प्रशिक्षण पुनर्वसन आदि में भी काम किया जाता है।

पाटकर के खाते में आए 19 लाख रुपए
प्रीतमराज ने आरोप लगाया कि मेधा पाटकर के सेविंग अकाउंट में 19 लाख से अधिक राशि आई है। मेधा ने कोर्ट में आय का दावा करते हुए 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष दर्शाया है। मप्र और महाराष्ट्र के आदिवासियों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के नाम पर एनजीओ दान एकत्र किया। वहीं मेद्या पाटकर ने अपनी सालाना आय 6000 रुपये बताए जाने और उनके खातों में 19 लाख रुपये से अधिक की राशि पाए जाने को लेकर कहा कि वह उक्त खाता स्वयं नहीं संचालित करती है। इसका संचालन एक सेवानिवृत्त व्यक्ति करते हैं।

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