सनातन धर्म-संस्कृति पर जघन्य हमले के खिलाफ सरकार के साथ समाज को भी संगठित होना पड़ेगा –दीनबंधुदास
बिजली नगर स्थित बिजलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में पहलगाम हादसे में दिवंगतों को श्रद्धांजलि

सनातन धर्म-संस्कृति पर जघन्य हमले के खिलाफ सरकार के साथ समाज को भी संगठित होना पड़ेगा –दीनबंधुदास
बिजली नगर स्थित बिजलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में पहलगाम हादसे में दिवंगतों को श्रद्धांजलि
इंदौर, । सनातन धर्म और संस्कृति पर कायराना हमले के प्रयास आदिकाल से चल रहे हैं। पहलगाम में मंगलवार को जो वीभत्स और जघन्य हादसा हुआ है, यह राक्षसी प्रवृत्ति का प्रमाण है। आज भी विप्रो, गायों, वेदों, यज्ञों और तप-साधना को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्तियां चल रही हैं। पहलगाम का हादसा झकझोर देने वाला है। हमारे निर्दोष भाइयों को जिस निर्ममता से मौत के घाट उतारा गया है, वह कतई सहन करने लायक नहीं है। सरकार के साथ अब समाज को भी संगठित होकर ऐसी विधर्मी ताकतों को मुकाबला करना पड़ेगा। सत्य मनुष्य को निर्भय बनाता है। सत्य के स्वरूप का चिंतन भगवान कृष्ण का ही चिंतन होगा। आज समाज को एक बार फिर राम और कृष्ण जैसे अवतार की जरूरत है। देश-दुनिया के हालात देखकर हमें समझना पड़ेगा कि इन तत्वों से मुकाबला कैसे किया जाए।
ये ओजस्वी विचार हैं मलूक पीठाधीश्वर जगदगुरू द्वाराचार्य स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य के परम शिष्य, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी दीनबंधुदास महाराज के, जो उन्होंने बंगाली चौराहा के पास बिजली नगर स्थित बिजलेश्वर महादेव मंदिर परिसर पर चल रहे संगीतमय भागवत ज्ञानयज्ञ में पहलगाम हादसे में दिवंगत निर्दोष व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आक्रोशित भाषा में व्यक्त किए। कथा में मौजूद भक्तों ने भी समापन अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर पहलगाम में हुए नरसंहार पर कड़ा रोष और दुख व्यक्त किया।
इसके पूर्व बालक ध्रुव की भक्ति और कृष्ण जन्म प्रसंग के दौरान उन्होंने कहा कि मृत्यु ध्रुव सत्य है। जिसका जन्म हुआ है उसे मरना ही होगा। मृत्यु को कोई नहीं टाल सकता। बालक ध्रुव की भक्ति बाल्यकाल से ही शुरू हो गई थी। भक्ति का बीज बचपन से ही अंकुरित हो जाना चाहिए, पचपन का इंतजार नहीं करें। लोगों को यह भ्रम है कि भक्ति केवल बुढ़ापे में ही करना चाहिए। भक्ति का बीज कभी बंजर नहीं होता। कथाओं में बैठने वालों की फसल भी कभी न कभी फल देती ही है। कथा शुभारंभ के पूर्व व्यासपीठ का पूजन विशाल ठाकुर, रमेश यादव, गिरीश पंवार तथा बिजलेश्वर महादेव मंदिर भक्त मंडल की ओर से मनोज यादव, संजू यादव राजेश सचान, अनिश पांडे, राहुल सिंह, सिकरवार आदि ने किया। संयोजक विशालसिंह सिकरवार ने बताया कि बिजली नगर में भागवत कथा का यह प्रवाह 26 अप्रैल तक प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक जारी रहेगा। कथा में गुरुवार को बाल लीला एवं 56 भोग, शुक्रवार को रुक्मणी विवाह तथा सातवें दिन शनिवार, 26 अप्रैल को द्वारिका लीला, सुदामा एवं परीक्षित मोक्ष के प्रसंगों के साथ समापन होगा। कथा स्थल पर भक्तों की सुविधा के लिए समुचित पांडाल, छाया, पानी, सफाई, रोशनी, निशुल्क वाहन पार्किंग सहित समुचित प्रबंध किए गए हैं।