फास्ट फूड, जंक फूड और पेस्टिसाईड से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है
-सेंधवा कॉलेज में पोषण पखवाड़े के अंतर्गत पोषण पर परिचर्चा का आयोजन

सेंधवा। रमन बोरखड़े। वीर बलिदानी ख्वाजा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा मंगलवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पोषण पखवाड़े के अंतर्गत पोषण पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर किशन पंवार ने बताया की हमारे शरीर में सभी प्रकार के विटामिन पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। उन्होंने बताया की फास्ट फूड, जंक फूड और पेस्टिसाईड से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा हैं। कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर राजेश नावडे ने बताया की 7 वां पोषण पखवाड़ा मध्यप्रदेश शासन द्वारा 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक मनाया जा रहा हैं। उन्होंने इस परिचर्चा का उद्देश्य बताया की कुपोषण व बच्चों में मोटापे को दूर करना हैं तथा पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से हितग्राही का समुचित ध्यान रखना हैं।
डॉ विक्रम जाधव ने बताया की पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन प्राप्त करते हैं और उसका उपयोग करके ऊर्जा और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया की पोषण में आवश्यक पोषक तत्व जैसे कार्बाेहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज और पानी शामिल होते हैं। डॉक्टर जितेश्वर खरते ने बताया की हमारी भोजन की थाली हरीभरी हो जिसमें पर्याप्त प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन होना चाहिए। उन्होंने बताया की खाना खाने के आधे घंटे पहले सलाद अवश्य खाना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया की शरीर में विटामिन ठ12 की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए हालांकि भारत के अधिकांश व्यक्तियों में इसकी कमी हमेशा से रही हैं। उन्होंने बताया की इस कमी को दूर करने के लिए शाकाहारी व्यक्ति डेयरी प्रोडक्ट दूध, दही, पनीर ले सकते हैं वहीं मांसाहारी मछली, मटन, चिकन व अंडे से इसे प्राप्त कर सकते हैं। संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अरुण सेनानी ने बताया की भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 से प्रति वर्ष पोषण पखवाडा मनाया जाता हैं। उन्होंने बताया की स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन व सोच का निवास होता है। यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति पोषण युक्त होगा, तभी राष्ट्र सशक्त बन सकता है। यह कार्यक्रम हमारे लिए केवल चर्चा का अवसर नहीं, बल्कि एक कर्तव्य बोध है। आज हम सभी संकल्प लें किकृ हम न केवल स्वयं स्वस्थ रहेंगे, ब्लकि पोषण के प्रति समाज को भी जागरूक बनायेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों व स्वयंसेवकों से अपील की हैं की वे पोषण के महत्व को जन-जन तक पहुंचाए।
आभार प्रोफेसर राजेश नावडे ने माना। उक्त परिचर्चा में महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर संतोषी अलावा, प्रोफेसर बीएस जमरे, डॉ भोलाराम ब्राह्मणे तथा छैै के स्वयंसेवक विकास डावर, आकाश चौहान, जागीराम कटोले, निलेश अहोरिया और अन्य विद्यार्थी उपस्थित रहे।