शिक्षा के मंदिर मे हुई करोड़ों की वित्तीय अनियमितता के मामले मे जांच मे लीपापोती ? जिम्मेदार चांदी काटने में।
छोटे पर कार्रवाई बड़े अधिकारी बैठे एसी में, बस दोषी कम्प्यूटर आपरेटर,जिम्मेदार,विधायक प्रताप ग्रेवाल ने उजागर किया था मामला।

आशीष यादव धार
जिस प्रकार विभागों में भ्रष्टाचार हो रहा है। उसे प्रकार की कार्रवाई आज तक किसी विभाग में देखने को नहीं मिली है बस जांच के नाम पर भ्रष्टाचार पर आज तक आच नहीं आई है आच आई भी है तो बस निचली ओर छोटे कर्मचारियों पर उसे कर्मचारी के पेट पर लात मार कर बड़े अधिकारी आज भी कुर्सियों पर जमे हुए हैं उन पर कार्रवाई नही हुई है। किसी विभाग में भ्रष्टाचार का उजागर करना जितना कठीन कार्य है उससे भी अधिक संबंधित दोषियों को दंडित करवाना है। सरदारपुर विधानसभा के जागरूक विधायक प्रताप ग्रेवाल के द्वारा जिस तरह खंड शिक्षा कार्यालय सरदारपुर मे 122 लाख रुपये के घोटाले को उजागर किया था तथा कलेक्टर द्वारा भी उक्त घोटाले मे दोषियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया था। लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी भ्रष्ट्राचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।
जांच पर नही आई कोई आंच:
घोटाले के बाद जिस तरह विभागीय जांच के दौरान कई लोगों को बचा लिया गया तो घोटाले का पुरा भांडा केवल कंप्यूटर ऑपरेटर पर फोडकर प्रकरण दर्ज करने के लिये थाने पर आवेदन देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। उससे अन्य विभागों में पनप रहें भ्रष्टाचारियों को के भी हौसले बुलंद हो रहें हैं। सूत्रों की मानें तो जांच में पुरी तरह की लीपा पोती की गई है। यदि अन्य विभाग से जांच करवाई जाती तो इस मामले मे कई लोग दोषी पाए जाते।
यह था पुरा मामला:
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरदारपुर द्वारा वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक 122 लाख के संदिग्ध भुगतान की हेराफेरी कर दी। करीब 122 लाख से अधिक की राशि अपने रिश्तेदारो और खुद के खाते में ट्रांसफर की गई। जिसमें गरीब बच्चो की छात्रवृत्ति भी शामिल है। धार कलेक्टर द्वारा दिनांक 9 दिसंबर 2024 को आदेश क्रमांक 2032/2024 जारी कर सभी दोषी अधिकारियों कर्मचारियों एवं हेराफेरी की राशि प्राप्त करने वालो पर प्रकरण दर्ज करने के आदेश चार माह पूर्व दिए थे। लेकिन जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त धार द्वारा शासन की राशि मे हेराफेरी करने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारी को बचाने के उद्देश्य से अभी तक एफआईआर दर्ज नही करवाई गई है।
अपनो के खातों में राशि डलवाई।
शासन की राशि मे हेराफेरी कर अपने रिश्तेदारो के खातो मे राशि ट्रांसफर करने के अति गंभीर मामले में दो माह बाद भी कोई कार्यवाही नही होने पर सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा सोमवार को जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के गंभीर मामले मे शीघ्र ही कार्यवाही करने की मांग भी की थी। अगर नियम अनुसार जांच होती है तो पैसा किस खाते में गया और किसी व्यक्ति के द्वारा डाला गया उसकी पूरी जानकारी निकालकर सामने आ जाएगी मगर विभाग के बड़े अधिकारी नहीं चाहते हैं। की यह कार्रवाई हो अगर कार्रवाई होती है तो इसमें कहीं सफेद कालर अधिकारी के पर गाज गिरते नजर आएंगे।
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यह थी जांच रिपोर्ट –
जांच रिपोर्ट मे यह पाया गया कि राशि 11746395 – रूपये मे से राशि 6216354 – रुपये का भुगतान अपने रिश्तेदारों के खातो मे होना पाया गया है जो कि शासकीय निधी को पहुचाई गई हानि को दर्शाता है साथ ही कर्मचारियों अधिकारियों को गृह भाडा भत्ता राशि 537476 रूपये मे से राशि 524918 रूपये नियमों से अधिक भुगतान हुआ है।
इनका कहना हैः-
उक्त मामला अभी मेरे संज्ञान मे आया हैै। मामले मे कुछ जांच बाकी है। जांच पुर्ण होने पर जांच रिर्पोट आने के बाद आगामी कार्यवाही की जायेगी।
नरोत्तम वरकडे सहायक आयुक्त जनजाति धार
122 करोड़ का भुगतान:
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा करीब 122 लाख के संदिग्ध भुगतान को लेकर लेखा शाखा के कम्प्युटर आपरेटर के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया गया था। लेकिन इसमें जांच रिर्पोट एंव राशी का हिसाब नही दिया गया । जब विभाग जांच रिर्पोट एंव हिसाब दे देगा तो प्रकरण दर्ज कर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
प्रदीप खन्ना थाना प्रभारी सरदारपुर।