गाँव – गाँव जाकर जंगल बचाने की अलख जगा रहे डीएफओ जिले में जंगल को बचाने के लिए कर रहे खाटला बैठक।
जिले में 241 समितियों कर रही कार्य जो जंगल मे होने वाली गतिविधियों पर रखती हे निगाहें। किस तरह बचाना है जंगल इसके लिए कर रहे प्रेरित।

- आशीष यादव, धार
लगातार जगलो क्षेत्रो के कम होने से अब अवैध कटाई के साथ अन्य कारणों से जंगलों के नुकसान होने से बचाने के लिए अब अधिकारियों ने मैदान पकड़ लिया है। जिले में करीब एक लाख 10 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र है। जो 1300.34 वर्ग कि.मी मीटर फैला हुआ है। वही जगलो की सुरक्षा में लिए 150 से वन कर्मचारियों मैदान में कार्य कर रहते है। तो दूसरी ओर खुद वन विभाग डीएफओ ने मार्गदर्शन ने गांव गांव जाकर समितियों की बैठक कर रहे है। वही ज़िले दो एडीओ और 7 रेंज व वनरक्षक खुद जाकर समिति के लोगो जंगल बचाने की जानकारी दे रहे है। आने वाली इस गर्मी के मौसम में जिले के सघन वनों को, हर साल प्राकृतिक या मानवीय कारणों से हर साल लगने वाली आग को लेकर वन विभाग ने अभी से पहल शुरू कर दी है। वही जिले के वन परिक्षेत्र धार अंतर्गत आने वाली ग्राम वन समितियों की बैठक मुख्य वन संरक्षक इन्दौर पी.एन. मिश्रा वनमंडलाधिकारी धार अशोक कुमार सोलंकी एवं उप वनमंडलाधिकारी धनसिंह मेंडा सरदारपुर एसके रणशोरे व धार महेश कुमार अहिरवार, शैलेन्द्र सौलंकी , कमलेश मिश्रा भी गाँव में ग्राम वन समितियों की बैठक ले रहे है। वही एक 5 साल के लिए होती है। जो जगलो के लिए कार्य करती है। वही यह समितिया आर्थिक राशि मिलने पर गाँवो में विकास कार्य करवाती है। गाँवो में स्कूल, सड़क, पानी के लिए बोरिग व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करती है।
खाटला बैठक कर कर रहे जागरूक:
खाटला बैठक जमीनीस्तर कर वनरक्षक व अधिकारी ग्रमीणों को लगातार ग्राम वन समितियों की खाटला बैठक के माध्यम से वनों की रक्षा व सुरक्षा के विषयों और चर्चा कर उन्हें जगलो के प्रति अपनी कार्य को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन करना समिति सदस्यों एवं ग्रामिणों को संयुक्त वन प्रबंधन समितियों गाँवो हर परिवार के 18 साल से अधिक उम्र के लोगो को इसके लिए आगे आने का माध्यम बताते है।वही समिती में एक अध्यक्ष होता है व साथ ही एक वनरक्षक सचिव के साथ गाँव के हर परिवार के सदस्य इसमें रहकर कार्य करता है।
हर दिन का रोस्टर बनाकर कर रहे काम:
वहीं वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा गांव में जाकर जंगलों की सुरक्षा व अन्य कामों के लिए हर दिन अलग-अलग गांव में जाकर कार्य कर रहे हैं इसके लिए बखूबी भोपाल स्तर पर रोस्टर आया है जिसको खुद डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी के निर्देश पर जिले भर में लागू किया गया है। वहीं खुद भी गांव में जाकर ग्रामीणों को जंगल की सुरक्षा व उनकी देखरेख की जानकारी के साथ जंगल से रोजगार कैसे प्राप्त करें और किस प्रकार करे इसकी जानकारी साझा की जा रही है। समितियां में अग्निमित्र दल बनाकर जंगलों में आग लगे पर किस प्रकार से कम करें वह इसकी सूचना तुरंत जिम्मेदार अधिकारी को करें जिसे जगलो के नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
यह कार्य करती है समिति:
जगलो में कार्य करने के लिए समिती बनाई जाती है वही वर्तमान में जिले 241 समितियों कार्यरत है वही जिसमे एक ईको विकास समिति है। जो पर्यावरण और वन संरक्षण के लिए काम करता है। यह विभाग स्थानीय वन संसाधनों के प्रबंधन, वन्यजीव संरक्षण, और पारिस्थितिकीय पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वही 5 किलोमीटर की परिधि में स्थित ग्रामों में समिति’ गठित करने का प्रावधान है। इन समितियों के सामाजिक आर्थिक उत्थान का कार्य करती है। वही इसकी सहभागिता से अग्नि से वनो की सुरक्षा, अवैध कटाई, वन्य प्राणियों की सुरक्षा, वन्यप्राणियों की पेयजल व्यवस्था करने, उच्च गुणवत्ता का तेन्दुपत्ता संग्रहण करने एवं बांस आधारित उद्योगो की स्थापना करने हेतु जागरूक करने वाले काम करती है।
आर्थिक बढ़ावा देने में भी समिति आगे है:
वही ग्रमीण क्षेत्रो में काम करने वाली समिति जंगल तक ही समिति नही यह सामाजिक आर्थिक कामो में आगे बढ़ चढ़कर आती है। वही समितियों के माध्यम से लघुवनोपज के संग्रहण प्रसंस्करण मूल्य संवर्धन एवं विपणन करना साथ ही जगलो से गोंद के साथ साथ जड़ी बूटियो का संग्रहण कर बाजार में बेचकर आर्थिक स्थिति सुधार रहे है वह खुद का अपना रोजगार खड़ा करने जैसे काम भी समिति कर रही है। वही इसको 241 समितियों में 20 लगभग बजट प्राप्त हुआ है।
घटना की तुरंत विभाग को सूचना:
वही जगलो में कोई घटना घटित होती है समिति अपना दायित्व निर्वहन करने का भी कार्य बखूभी निभाती है। जिसके जंगल मे आग लगना कोई जानवर का हमला व वन्यप्राणियों पर कोई शिकारियों द्वारा घटना को अंजाम देना। वही विभाग के साथ पौधरोपण व अन्य कार्यो में सहयोग प्रदान करने का कार्य करते। वही अधिकारियों के साथ जगलो का दौरा कर वहां की वस्तु स्थिति की जानकारी अधिकारी को उपलब्ध करवाते है।
जिले भर समितियां की बैठक:
वही जिले में वर्तमान में 241 समितियां कार्यरत है। वही विभाग द्वारा भी हर हर समितियों की बैठक लेकर उसको जानकारी दी जा रही है। वही समिती के सचिव व सदस्य व ग्रमीण जगलो में आग से निपटने की जानकारी के साथ उसको जगलो से रोजगार मुहैया करने की बातें भी बताई गई है साथ ग्रमीणों की परेशानियों को भी सुना गया।
अशोक कुमार सौलंकी डीएफओ धार।