रिश्वत लेते पकड़ाए रेंजर का फिल्मी ट्विस्ट, बोले- अब तो फिल्मों में नाम कमाऊंगा
लोकायुक्त की टीम ने कल पकड़ा था,आज झाबुआ वन विद्यालय में स्थांतरण बाग का चार्ज शैलेंद्र सौलंकी को दिया

आशीष यादव धार
लोकायुक्त की टीम जब रेंजर को पकड़ने पहुंची तो वह भी आश्चर्य में रह गई। एक ओर कार्रवाई चल रही थी तो दूसरी ओर रेंजर शांत बैठे हुए थे। पकड़े जाने के बाद उनके चेहरे पर न शर्म थी, न पछतावा, बल्कि एक अजीब सा आत्मविश्वास था। वह बोले… अब तो फिल्मों में ही नाम कमाऊंगा, सरकारी नौकरी ने तो फंस कर रह गया था। मोबाइल में से वीडियो निकालकर दिखाने लगे कि वो पुलिस बनकर काम रहे थे। अब देखना ये है कि अगली फिल्म में उनका रोल ‘हीरो’ का रहेगा या जेल की कोठरी के पात्र का होगा… स्क्रिप्ट तो लोकायुक्त लिख ही चुकी है।
वन परिक्षेत्र बाग में पदस्थ फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। शिकायतकर्ता ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि उसे बाग रोड से पांडव गुफा तक 3 किलोमीटर सड़क निर्माण का ठेका मिला है, जिसमें से 2 किलोमीटर क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है। इसके लिए विभाग से अनुमति भी ली गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार रेंजर उपाध्याय ने निर्माण कार्य रुकवा दिया और काम जारी
रखने के लिए कुल लागत का 3 प्रतिशत यानी लगभग दो लाख रुपए स रिश्वत की मांग की। पहले 96 हजार रुपए की राशि वह पहले ही ले चुका था। इसके बाद दो लाख रुपए और मांगे गए। सत्यापन के बाद डीएसपी सुनील तालान की अगुवाई में लोकायुक्त टीम ने छापा मारते हुए उपाध्याय को रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान आरोपी बेहद शांत भाव से बैठा रहा और मुस्कुराता रहा। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी पत्नी साउथ की फिल्मों में काम कर चुकी है और उसे खुद भी एक्टिंग का शौक है। सरकारी नौकरी से फुर्सत मिलने के बाद वह खुद भी अभिनय क्षेत्र में करियर बनाने का सोच रहा है। उसने टीम को अपने बनाए हुए वीडियो भी दिखाए।
विवादों से पुराना नाता
जांच में सामने आया कि वैभव व उपाध्याय पहले भी विवादों में रह चुका है। महू में जमीन विवाद को लेकर व विभागीय जांच हो चुकी है। साथ ही एक विवाद के दौरान उसने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताते हुए हस्तक्षेप प्र किया था। वही पिछले दिनों तेंदुए की मौत के बाद उपाध्याय को नोटिस दिया था वही उसके एक दिन बाद यह कार्रवाई हुई।