बड़वानी ; चुन चुन करती आई चिड़िया दाल का दाना लाई चिड़िया जीवंत पंक्तियों की खातिर अपनी गौरैया को बचाएं

बड़वानी; एक समय था जब आंगन में चिड़िया की चहचहाट एवं उनके घोसले बने हुए होना सहज ही देखा जा सकता था किंतु आज हमारी जनसंख्या बाहुल्य एवं अत्याधुनिक रहन-सहन व्यवस्था में चिड़िया का घोंसला अब कचरा नजर आने लगा है। अब छोटे बच्चों के लिए दादी भी नहीं बोलती चिड़िया उड़ और ना ही अब घर वाले बोलते की चिड़िया का पिया हुआ पानी छोटे बच्चों को पिलाने से वह जल्दी बोलना सीख जाते हैं। यह सब पहले होता था किंतु अब चिड़िया गौरैया बनकर हर गर्मी में याद आती है जब जल पात्र रखना दाना पानी देना मौसम विशेष का विषय बन गया है ।उक्त बातें शिवकुंज योगा ग्रुप आशाग्राम के सदस्यों ने अपनी प्रतिदिन की जीवन शैली का हिस्सा पक्षियों के लिए दाना पानी और जल पात्र को सहेजते हुए कही। योगा ग्रुप को दाऊदी बोहरा समाज बड़वानी के युवा सदस्यों के द्वारा शिवकुंज पहुंचकर उनके धर्म गुरु की जन्म जयंती के अवसर पर पक्षियों के लिए दाना पात्र भेंट कर गौरैया संरक्षण के लिए मानो एक मुहिम ही प्रारंभ कर दी। बोहरा समाज के युवा समाजसेवी केजार भाई ने बताया हमने सतपुड़ा कॉलोनी में पक्षियों के लिए फलदार पौधे लगाए हैं। शिव कुंज का पर्यटन स्थल भी हमें सेवा कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इस दौरान शिवकुंज योगा ग्रुप के सदस्यों ने बोहरा समाज का आभार मानते हुए सैयदना साहब के सेवा कार्यों को याद किया। इस दौरान बड़ी संख्या में शिवकुंज स्वयंसेवक एवं बोहरा समाज के युवा समाजसेवी उपस्थित थे।