शहर के हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाले पानी पर राजनीति नहीं करे-नपाध्यक्ष यादव
भीषण गर्मी में रलावती तालाब से बुझती है सेंधवा शहर की प्यास।

सेंधवा। रेलवती डेम के पानी को लेकर गोई नदी के तट पर बसे ग्रामीणों व नपा में घमासान मचा हुआ है । तापमान बढ़ने से गिरते जल स्तर से चिंतित होकर नगरपालिका ने मई व जून माह में जल संकट आने की संभावना के कारण रेलावती डेम से पानी का दोहन रोकने की कसावट को लेकर किसानों के मोटर पंप के बिजली कनेक्शन बंद करने पर जोर दे रही है। वहीं किसान बिजली कनेक्शन काटने का विरोध कर रहै है । नपा अध्यक्ष ने कहा शहर के हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाले पानी पर राजनीति नहीं करे। भीषण गर्मी में यह शहर के एक लाख लोगों के भविष्य का सवाल है ।
ग्रीष्म ऋतु में तापमान बढ़ने से जल स्तर गिरने व नगर में पेयजल संकट नहीं आए इसको लेकर नपा द्वारा रेलावती डेम से 1.11 मी घमी पानी आरक्षित करवाकर निर्धारित राशि जल संसाधन विभाग को दे दी हैं । ताकि ग्रीष्म ऋतु में रेलावती डेम से पानी छोड़ कर 20 किलो मीटर दूर बारद्वारी फिल्टर स्टेशन तक लाया जाता है । हर साल किसान द्वारा नपा द्वारा आरक्षित पानी जो रेलवती डेम से गोई नदी में छोड़ा जाता है। जिसमें वाष्पीकरण, जमीन द्वारा पानी सोखने व किसानों द्वारा पानी का दोहन करने से क्रय किया गया पानी धीमी गति से व बहुत कम मात्रा में पानी फिल्टर प्लांट तक पहुंच पाता है । इस लिए हर बार की तरह नदी के तट पर रहने वाले किसानों द्वारा पानी का दोहन रोकने हेतु उनकी मोटर पंप जब्त किए जाते हैं। साथ ही बिजली कनेक्शन विक्छेद कर दिए जाते है। साथ ही ग्रीष्म ऋतु की फसल नहीं बोने की समझाइश दी जाती है । इस बार मार्च माह में ही अचानक जल स्तर नीचे गिर कर कई ट्यूब वेल में अभी से पानी नहीं आ रहा है। वहीं बारद्वारी डेम के साथ मेहदगांव व अन्य डेम में भी जल स्तर गिरता जा रहा है। जिसकी वजह से नपा अधिकारियों की नींद उड़ गई है । अभी से जल स्तर गिर रहा है। यही स्थिति रही तो मई जून तक भीषण गर्मी से जल संकट की स्थिति निर्मित हो सकती है। जो चिंता का विषय है । इसको लेकर अधिकारी किसी तरह की कोई लापवाही नहीं बरतना चाहते है। हर पहलू का बारीकी से अध्ययन कर काम किया जा रहा है । जल संकट से निपटने के लिए नपा ने अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ कर दी हैं । इसको लेकर पूर्व में सीएमओ मधु चौधरी ने नगर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने व ग्रीष्म ऋतु में जलसंकट की स्थिति को गंभीरता से लेकर कलेक्टर के साथ संबंधित अधिकारियों को पत्र के माध्यम से समय समय पर अवगत कराया जा रहा है । इस संबंध में जल समिति व नपा कर्मचारी के साथ बैठक लेकर चिंता व्यक्त करते हुए जल संकट से निपटने हेतु कार्य योजना को मूल रूप दे रहे है । वही नदी तट पर रहने वाले किसान नदी से पानी का दोहन कर फसल ले रहे किसानों ने बिजली कनेक्शन विक्छेद करने का विरोध कर एसडीएम को ज्ञापन देकर व विद्युत विभाग में धरना देकर बिजली कनेक्शन वापस जोड़ने की मांग कर रहे हैं । इस विरोधाभास में नपा अध्यक्ष बसंती बाई यादव ने भी भविष्य में जल संकट की स्थिति पर चिंता जताते हुए एसडीएम को पत्र के माध्यम से नगर की एक लाख की जनसंख्या की प्यास बुझाने हेतु आवश्यक कदम उठाने हेतु कार्ययोजना बनाने का अनुरोध किया है । मानवता के आधार पर जीवन के लिए पानी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए इसे प्राथमिकता देने पर जोर दिया है । आपने किसानों से भी अपील की है कि हम भी आपकी भावना को समझते है । आपने गेहूं की फसल तक पानी का दोहन किया है। अब ग्रीष्म ऋतु में रेलवती डेम का पानी नगरवासियों के लिए आरक्षित किया जाता है ताकि भीषण गर्मी में लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े । लोग पानी के लिए प्याऊ खोलते हैं । और आप लोग पानी को रोक रहे हैं । ऐसा नहीं करना चाहिए । आपने कुछ लोगों पर आरोप लगाते हुए किसी का नाम नहीं लेते हुए कहा कि एक लाख लोगों के जीवन का सवाल है। पानी पर गंदी राजनीति करना बंद करें । किसानों को मत बरगलाओ । उन्हें हमे साथ दिया है। आगे भी देंगे । नगर के लोगों ने भी आपको वोट दिए हैं ।
किसान अपनी मर्जी से खोल लेते हैं वॉल
रेलवती डेम से कई बार किसान अपनी मर्जी से वॉल खोल लेते हैं । कई बार असावधानी से वॉल खोलने से उसमें खराबी आ जाने से व्यर्थ में पानी बहता रहता है । इस बार भी किसानों ने वॉल खोल दिया था । वाल के नीचे पत्थर आ जाने से वॉल बंद नहीं हुआ। जिसकी वजह से बहुत पानी व्यर्थ में बह गया जिससे कुछ किसानों की फसल में भी नुकसान हुआ। बाद में नपा द्वारा वॉल रिपेयर नहीं होने से नाली को मिट्टी से बन्द किया गया । रेलवती डेम पर कोई चौकीदार या विभाग कर्मचारी तैनात नहीं रहता। जिसकी वजह से बांध पर विभाग का नियंत्रण नहीं है । पानी की इस जंग पर अब पुलिस की तैनाती आवश्यक हो गई है ।