होली के लिए बढ़े सराफे में “चाँदी की पिचकरियां बाजार उपल्ब्ध
होली महापर्व पर्व बड़ा ही मस्ती भरा, हंसी ठिठोली वाला त्योहार

होली के लिए बढ़े सराफे में “चाँदी की पिचकरियां बाजार उपल्ब्ध
इंदौर।होली महापर्व पर्व बड़ा ही मस्ती भरा, हंसी ठिठोली, हुडदंग भरा त्योहार है। लोग अपनी – अपनी हैसियत के अनुसार होली के महापर्व मनाते है। होली का महापर्व मनाने के पिछे अनेक पोराणिक गाथाएँ जुड़ी हुई है। राक्षसराज हिरण्यकश्यप के निर्देश पर होलिका ने भक्त प्रहलाद को गोद में बैठाकर अग्नि स्नान करने के लिए अग्नि मै बैठ गई।क्योकि होलिका वरदान था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती थी, इसलिए से होलिका अपने भतिजे प्रह्लाद
को अग्नि स्नान के लिए बैठ गई। पर प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई।
वही भगवान राधाजी के साथ सोने चांदी की पिचकारी से होली खेलते थे। बड़ा सराफा व्यवसायी राजेन्द गर्ग, समर्पण ज्वेलर्स ने बताया की इस वर्ष हमने दस ग्राम से लेकर एक किलो चांदी की पिचकारिया बनवाई है।
चांदी से निर्मित पिचकारियां सभी साईज में उपलब्ध है। जिसमें चांदी की मिनाकारी वाली पिचकारिया एवं बाल्टिया बाजार में हैं। चांदी से निर्मित पिचकारियों की बहुत मांग है।