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गांव की चाची शहर में जाके आंटी बन गई, नाम भी बदला, शौक भी बदले, पर नीयत वही पुरानी रह गई!”

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में काव्य की अविरल धारा, श्रोताओं ने देर रात तक उठाया आनंद*

खंडवा। मुश्ताक मंसूरी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नगर निगम खंडवा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन माँ नवचंडी मेला परिसर में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। देशभर के ख्यातनाम कवियों ने अपनी ओजस्वी वाणी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती और माँ नवचंडी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात नगर निगम महापौर अमृता अमर यादव एवं पूर्व महापौर भावना शाह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। मंच संचालन की महत्वपूर्ण भूमिका सहायक जनसंपर्क अधिकारी गौरव खरे और प्रदीप जैन ने निभाई।

*वीर रस की गर्जना और राष्ट्रभक्ति की ललकार*

वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर शशिकांत यादव (देवास) ने अपनी जोशीली रचना—
“न भूले हैं, न भूलेंगे ये बलिदान तुम्हारे,
तुम्हारी शौर्यगाथा लिखी है हमने सितारों से।”
से वातावरण को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया।

ओज रस के ओजस्वी कवि अभय निर्भीक (अंबेडकरनगर) ने अपनी कविताओं से वीरता की भावना को बल दिया—
“कवि ही है, जो समाज को नई राह दिखाता है,
कवि ही है, जो वीरता की मशाल जलाता है!”

*हास्य और व्यंग्य की फुहार से गूंजा पंडाल*

मंच पर हास्य और व्यंग्य की झड़ी लगाने आए जानी वैरागी (धार) और दिनेश ‘देसी घी’ (शाजापुर)। जानी वैरागी ने चुटीले व्यंग्य से खूब ठहाके लगवाए, तो दिनेश ‘देसी घी’ ने अपने देसी अंदाज से महफिल लूट ली।

*जानी वैरागी की पंक्तियाँ:*
“सास बोले बहू से, तू मुझे माँ कहती क्यों नहीं?
बहू बोली—माँ, तुझे भी फालतू की चिंता होती क्यों नहीं?”

दिनेश ‘देसी घी’ ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया:
“गांव की चाची शहर में जाके आंटी बन गई,
नाम भी बदला, शौक भी बदले, पर नीयत वही पुरानी रह गई!”

*श्रृंगार रस की कोमलता से मोहित हुए श्रोता*

श्रृंगार रस की प्रख्यात कवयित्री शिखा श्रीवास्तव (लखनऊ) ने अपनी मर्मस्पर्शी रचना से सभी के हृदयों को छू लिया—
“बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त को बदलना सीखो,
मौसम जैसे भी हों, बस अपना अंदाज बदलना सीखो।”

*संगीत और साहित्य का संगम*

खंडवा की माटी से जुड़े, प्रसिद्ध गीतकार और कवि अमन अक्षर (इंदौर/मुंदी) ने अपने संगीतमय काव्यपाठ से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

उनकी रचना—
“मैं शब्दों का सौदागर हूँ, कुछ गीत तुम्हारे ले आया हूँ,
कुछ तुम्हारी आँखों में रख दूँ, कुछ होठों पर सजा आया हूँ!”
पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

*विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति*

इस भव्य आयोजन में महापौर अमृता अमर यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, निगम अध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा, पूर्व महापौर श्रीमती भावना शाह, जिला अध्यक्ष श्री राजपाल तोमर, MIC सदस्य श्री सोमनाथ काले, अनिल वर्मा, राजेश यादव सहित अन्य पार्षदगण उपस्थित रहे।

नगर निगम, खंडवा द्वारा आयोजित यह कवि सम्मेलन काव्यप्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय संध्या रही, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने देर रात तक कविता की वर्षा का आनंद उठाया।

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