खेतों में सूखने लगी गेहूं की बालियां, कटने को तैयार फसलें, खिलने लगे टेसू के फूल
बसंत की विदाई के साथ सुबह व रात को ठंड तो दोपहर में तेज धूप ने दिखाने शुरू किए तेवर

आशीष यादव धार
बसंत पंचमी विदाई के साथ ही लगातार मौसम बदल रहा है। अब दिनभर ठंड और कंपकंपी वाले दिन गए। अब तेज धूप अपना असर दिखा रही है। मौसम में तापमान बढ़ाने से आम लोग सहित प्रकृति भी प्रभावित हो रही है। सुबह और रात को थोड़ी ठंड वहीं दिन में तेज धूप तेवर दिखा रही है। पिछले कई दिनों में जिस तरह मौसम में बदलाव हो रहे है उसे तापमान के आंकड़ों से आसानी से समझा जा सकता है। तेज ठंड के दिन गए क्यों कि 15 जनवरी के बाद न्यूनतम तापमान 13 डिग्री से कम नहीं गया है वहीं अधिकतम तापमान भी 30 डिग्री से कम नहीं हुआ। पिछले चार दिनों में अधिकतम तापमान 39से 32 डिग्री तक पहुंच गया है। इस बदलाव का असर आम लोगों पर दिखने लगा है।
खेतों में सूखने लगी गेहूं की बालियां:
गर्मी बढ़ने से खेतों में खड़ी फसलें सूखना शुरू हो चुकी है। जिन किसानों ने तीन माह पहले गेहूं, चने व लहसून सहित अन्य फसलों की बोवनी कर रखी थी उनकी फसलें सूखना शुरू हो चुकी है। फरवरी माह के तीसरे सप्ताह तक गर्मी बढ़ते ही खेतों की रंगत निखरेगी। पर्याप्त बारिश और ठंड के मौसम के बाद गर्मी शुरू होने से किसानों को लाभ हुआ। इसलिए कुछ किसानों ने खेतों में मटर निकालकर अन्य फसलो की बुआई कर दी थी।
स्कूलों में शुरू होगा परीक्षाओं दौर:
जल्द ही सरकारी और निजी स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू होगा। हालांकि कई परिवार चिंतित रहते हैं कि भीषण गर्मी में परीक्षाओं की वजह से चिंता होती है। हालांकि कई निजी स्कूल संचालक गैर बोर्ड परीक्षाएं जल्दी करने की तैयारी कर रहे है। गर्मी बढ़ने से छोटे बच्चों के स्वस्थ पर बुरा असर पड़ता है।
बाजार में बिकने को तैयार एसी-कूलर:
तेज धूप ने तेवर दिखाने शुरू किए तो व्यापारियों द्वारा कूलर डिस्प्ले में जमा दिए हैं। खास बात है कि पिछले वर्ष भी भीषण गर्मी पड़ी थी। इसलिए व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार भी कूलर, एसी आदि की बिक्री बढ़ेगी। सेंधवा क्षेत्र में दिन का तापमान पिछले वर्ष 45 डिग्री से अधिक हो गया था। इस बार भी गर्मी रिकॉर्ड तोड़ेगी। अब कूलर सहित एसी पर फाइनेंस सुविधा होने से बिक्री भी अधिक हो जाएगी।
शीतल पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ेगी:
गर्मी का मौसम आते ही गन्ने का रस नारियल पानी सहित अन्य शीतल पर पदार्थ की बिक्री बढ़ जाती है। नगर के 50 से अधिक व्यापारियों ने अपने गन्ने के रस निकालने की चरखी को व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है। साफ-सफाई के बाद नगर के विभिन्न क्षेत्रों में गन्ने के रस जूस की दुकाने लगाना शुरू हो गई है।