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जिले में 700 में से 466 निजी स्कूलों ली नवीन मान्यता, प्रक्रिया के लिए किया आवेदन वही 35 स्कूलों को मिली मान्यता।

नई शिक्षा नीति से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चों को आएगी परेशान मान्यता नहीं मिलने से होंगे स्कूल बंद।

आशीष यादव धार

जिले संचालित निजी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को आगामी शिक्षण सत्र के लिए नवीन मान्यता लेना अनिवार्य है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू हो गई है। प्रक्रिया को शुरू हुए 45 दिन से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी 700 स्कूलों में से मात्र 466 स्कूलों ने नवीन मान्यता के लिए पोर्टल पर आवेदन किए जिसमे अभी जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 फरवरी विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। जो खत्म होगा वही जिन
स्कूलों ने आवेदन नही किए वह बंद हो जायेगे। जिसके तहत स्कूलों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सहित कागजी कार्रवाई पूरी करना थी। रजिस्ट्रेशन की अवधि 10 फरवरी की गई थी। इसके बाद चार दिन का अतिरिक्त समय देकर लेट फीस से पंजीयन किए जा रहे है। 14 फरवरी को अंतिम दिन था। जिले में 234 स्कूलों की ओर से अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जो रजिस्ट्रेशन के अभाव में स्कूलों की मान्यता निरस्त हो सकती है। जानकारी के अनुसार जिले में गतवर्ष निजी स्कूलों की 700 के लगभग निजी स्कूलों को मान्यता मिली थी। जिन्हें नवीन मान्यता के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सहित लॉक बुक करना था। वहीं नई मान्यता संबंधित आवेदन भी ऑनलाइन भी अपलोड किए जा रहे है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लगभग 466 स्कूलों की तरफ से रजिस्ट्रेशन कराया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस वर्ष नवीन मान्यता लेने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। इसमें पहली बार विभाग ने मोबाइल के माध्यम से ही स्कूलों की मान्यता के लिए प्रक्रिया को पूर्ण करवाई है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी निर्देश के अनुसार निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूल मान्यता प्राप्त होने के बाद ही आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 में विद्यार्थियों को प्रवेश दे पाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्र में गरीब बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा:
वही जहाँ एक और सरकार फर्जी स्कूलों पर लगाम लगाना चाहती है तो दूसरी ओर जमीनी स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में गरीब वर्ग के बच्चों के लिए नई शिक्षा नीति परेशानी का सबक बनकर रह गई है। वहीं जिले में ऐसे कहीं प्राइवेट स्कूल है जहां आज भी कम फीस में गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ाई करते हैं। मगर अब वह बच्चे इन स्कूलों में नहीं पढ़ सकेंगे क्योंकि सरकार के कड़े नियम के कारण कहीं स्कूल बंद हो जाएंगे जिससे गरीब वर्ग के बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। वहीं सरकार को ईश्वर भी कदम उठाना चाहिए जहां ग्रामीण स्कूल संचालित हो रहे हैं उन पर थोड़ी
निमो में ढलाई करनी चाहिए। जिससे गरीब वर्ग का बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके।

466 स्कूलों ने किए आवेदन:
जिले के करीब 700 निजी स्कूलों को इस साल 31 मार्च के पहले मान्यता की प्रक्रिया पूरी करनी है। जिसके लिए स्कूलों को 23 दिसंबर 2024 से समय दिया गया था। इसके बाद 23 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक तीन बार और समयसीमा बढ़ाई गई। इसके बावजूर कई स्कूल मान्यता आवेदन के लिए अपनी प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके। इसका कारण ज्यादातर स्कूलों ने किराए‌ दामे की रजिस्ट्री का पेच फसना बताया है। संचालकों ने बताया कि छोटे स्कूल हे आवेदन प्रक्रिया में लगने वाली शुल्क के के नीचे ही दबे जा रहे है, लेकिन कुछ स्कूलों को किराएनामे की रजिस्ट्री का मामला अधिक परेशान कर रहा है।

मान्यता का बड़ा खर्च किरायानामा परेशानी:
स्कूल संचालक ने बताया कि स्कूलों की मान्यता लेने पर लगभग एक लाख रुपए का खर्च बढ़ गया है। तीन साल के लिए 12000 रुपए, बच्चों की संख्या के अनुसार 40 हजार की एफडी, किराए नामे की रजिस्ट्री तक में स्थान के अनुसार कलेक्टर गाइड लाइन के रेट के अनुसार खर्च मिला दें तो अब करीब एक लाख रुपए से अधिक खर्च पहुंच रहा है। उस पर यदि मकान मालिक किराएनामे की रजिस्ट्री करने के लिए तैयार नहीं तो भवन बदलने का खर्च अलग से 5000 रुपए जमा करना पड़ जाता है। वहीं वन क्षेत्र में स्थित गांवों में किरायानामा बनाना संभव नहीं है। निजी स्कूल संचालकों ने किरायानामा सहित अन्य नियमों में किए बदलाव को लेकर विरोध दर्ज कराच चुके हैं। रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट के कारण ही कई स्कूल संचालक मान्यता के लिए आवेदन नहीं जमा कर पाए।

466 आवेदन हो आये हैं स्वीकृत, होगी जांच:
जिले में संचालित 466 स्कूलों के आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होकर ह्यो गए जिसमे से अब तक 35 स्कूल संचालकों द्वार स्वीकृत कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन जमा होने के बाद बीआरसी स्कूल का भौतिक सत्यापन कर निरीक्षण रिपोर्ट जिला परियोजना समन्वयक को प्रस्तुत करेंगे। यह प्रक्रिया निजी स्कूल द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के 15 दिवस के अंदर करना होगी। है। इसके साथ ही जिला परियोजना समन्वयक द्वारा मान्यता आवेदन के प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा उनके बाद स्कूल संचालक की अनुमति मिलेगी। वही सर्वे में मुख्य बिंदुओं पर जांच जिसमे
स्कूलों के भवन व इंफ्रास्ट्रक्चर,खेल मैदान व क्लास रूम ब्याज व गर्ल्स टॉयलेट पेयजल व्यवस्था प्रशिक्षित स्टाफ आदि।

आवेदन नही स्कूल होंगे बंद:
जिले में नवीन शिक्षा सत्र के लिए प्राइवेट स्कूलों की नवीन मान्यता की प्रक्रिया अपनाई गई थी जिसमे 466 स्कूलों में आवेदन किया था जिसमे से 35 मो अनुमति मिल गई है वही शेष स्कूलों की जांच करके मान्यता दी जाएंगी। अब जो शासन स्तर पर आदेश आयेगा उसका पालन करवाया जायेगा।
प्रदीप खरे, डीपीसी धार

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