वेटलैंड्स मानव के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं
वेटलैंड्स मानव के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं
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इंदौर। वेटलैंड्स अर्थात आर्द्र भूमि हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं , वे हमें बाढ़, सूखे और क्लाइमेट परिवर्तन के कारण होने वाली मुसीबतों से बचा सकते हैं.
ये कहना है पर्यावरणविद और जल प्रबंधन विशेषज्ञ सुधीन्द्र मोहन शर्मा का.वे इंदौर होलकर विज्ञान महाविद्यालय के भूविज्ञान और भूगोल विभाग और जल एवं तालाब संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा विश्व वेटलैंड दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विज्ञान संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया के 6 प्रतिशत थल भूमि पर वेटलैंड्स हैं, जो अपनी विशेष इकोलॉजी के कारण कार्बन पृथककरण में बहुत महती भूमिका निभाते हैं
इनमें से 2521 रामसर वेटलैंड साइट्स हैं जो 63 करोड़ एकड़ के भूभाग में 172 अलग अलग देशों में फैले हुए हैं.
उन्होंने भूविज्ञान और भूगोल विभाग के छात्रों के लिए वेटलैंड्स और भूजल के अंतर्संबंधों की विस्तृत व्याख्या की और बताया कि किस तरह वेटलैंड्स और भूजल परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं. उन्होंने इस सिद्धांत पर भी जोर दिया कि भूजल अध्ययन से हम वेटलैंड्स के संरक्षण और संवर्धन के तरीकों को बेहतर बना सकते हैं और संरक्षण स्थलों का चयन कर सकते हैं.
उन्होंने सिरपुर तालाब की केस स्टडी को प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस तरह इंदौर शहर ने, इंदौर के नागरिकों और समाज ने सामुदायिक सहयोग और शासन की विभिन्न गतिविधियों के सहयोग से सिरपुर की तस्वीर को और बेहतर बना दिया है. जबकि पूरी दुनिया में वेटलैंड खतरे में हैं, इंदौर में सिरपुर का बेहतर होना इंदौर के सकारात्मक रुख को और पर्यावरण संवेदनशीलता को बताता है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बलराम वर्मा ने जल और खेती के विषय पर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने पर जोर दिया और विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में जा कर टेक्नोलॉजी के द्वारा कृषक भाइयों की मदद करें.
प्राचार्या डॉ अनामिका जैन ने भूविज्ञान और भूगोल विभाग और जल संवर्धन ट्रस्ट को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि भूविज्ञान के छात्र सदैव हर क्षेत्र में आगे दिखाई देते हैं और इसका कारण है कि उन्हें इतना अच्छा मार्गदर्शन मिल रहा है. जल संवर्धन ट्रस्ट की सचिव मेघा बर्वे, तापस सरस्वती , सुनील व्यास और श्री राजवाड़े भी उपस्थित थे.
विभागाध्यक्ष डॉ विष्णु गाडगिल ने स्वागत भाषण दिया, और कार्यक्रम का संचालन किया डॉ पूनम भटनागर ने.