आलोक अग्रवाल, भारत झंवर, संदीप कुमार शर्मा और सुनील जैन के साथ ही विकास संवाद समिति भोपाल और कर्मवीर विद्यापीठ खंडवा को मिला गणतंत्र के रक्षक अवार्ड
दुनिया में अपनी तरह का इकलौता है भारत का गणतंत्र
खंडवा। मुश्ताक मंसूरी।हमारे संविधान की जो भूमिका है उसकी शुरूआत में ही लिखा है हम भारत के लोग। दुनिया में कहीं भी ऐसा गणतंत्र नहीं है जो खुद के द्वारा बनाया हुआ हो, खुद अपने आपको अर्पित किया हो और खुद ने संकल्प लिया हो कि हम अपने गणतंत्र को किस तरह चलाएंगे। यह बात गणतंत्र के रक्षक अवार्ड समारोह में ख्यात पत्रकार और लेखक राजेश बादल ने कही।
वे शुरूआत सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था सेस द्वारा आयोजित उड़ानोत्सव 2025 के तहत गौरीकुंज सभागृह में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा राजा रानियों और अंग्रेजों ने इस देश को हजारों साल तक लूटा। राजा के मुंह से जो निकल जाए वही संविधान हो जाता था किसी से नाराज हो गए तो उसका सिर काट दिया जाता। यही काम अंग्रेजों ने भी किया। इंग्लैंड में फांसी देने के सबसे क्रूर तरीके अपनाए ऐसा ही उन्होंने भारत में भी किया। कटनी के पास मुडवारा गांव का नाम ही इसलिए पड़ा कि वहां एक पेड़ था जिसपर 150 लाशें कई दिन तक लटकती रहीं। ऐसी गुलामी के बाद संविधान में हमें सबसे पहले क्या चाहिए था सभी नागरिकों में समानता। हमें समानता का हक हमारा संविधान देता है अफसोस की बात यह है कि संविधान अदालतों के उपयोग की चीज बनकर रहा गया है।
महापौर अमृता अमर यादव ने कहा जब संविधान की बात आती है तो आम भारतीय की बात आती है। जनता को उनके अधिकार मिले यही संविधान की मूल भावना है। हम संविधान के प्रकाश में ही काम कर रहे हैं और गणतंत्र की रक्षा के लिए सभी कटिबद्ध हैं। राजेश बादल, महापौर अमृता अमर यादव, शहर काजी सैयद निसार अली, गुुरुद्वारा के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जसबीरसिंह राणा के साथ ही गणतंत्र के रक्षक अवार्ड के निर्णायक प्रमोद चतुर्वेदी, श प्रकाश माइकल, सीमा माइकल और सेस की अध्यक्ष शबीना शेख सिद्दीकी ने अवार्ड वितरित किए। कार्यक्रम संयोजक आसिफ सिद्दीकी ने बताया कि इस साल यह अवार्ड नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता श्आलोक अग्रवाल, रेडक्रास सोसायटी के स्टेट वाइस चयरमैन भारत झंवर, पर्यावरण संरक्षण पर लगातार लेखन करने वाले पत्रकार संदीप शर्मा और त्यागे गए बच्चों की देखरेख व लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले सुनील जैन को दिया गया। पहली बार दो संस्थाओं को भी यह अवार्ड दिया गया। इनमें कुपोषण और संविधान पर करने वाली भोपाल की संस्था विकास संवाद समिति और पिछले 25 वर्षों से खंडवा में पत्रकारिता की शिक्षा देने वाले संस्थान कर्मवीर विद्यापीठ शामिल हैं। विकास संवाद की ओर से राकेश मालवीय और कर्मवीर विद्यापीठ की ओर से डायरेक्टर प्रो. डॉ. मनोज निवारिया ने अपनी टीम के साथ यह अवार्ड ग्रहण किया, आयोजित कार्यक्रम का संचालन प्रफुल्ल मंडलोई ने किया एवं आभार आसिफ सबीना सिद्दीकी ने माना।