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31 मार्च तक होंगे पंजीयन, 6 साल में 437 रुपए बढ़े, इस साल 150 बढ़ाने से 2425 रु. प्रति क्विंटल हुआ गेहूं का समर्थन मूल्य।

अन्नदाता से गेहूं खरीदी के लिए समर्थन मूल्य का पंजीयन शरू 89 केंद्रों पर जिले में इस बार 3  लाख 20 से अधिक हेक्टेयर में बोया गया गेहू

आशीष यादव धार

रबी सीजन की प्रमुख गेहूं फसल खेतों में लहलहा रही है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं बचने वाले किसानों का पंजीयन करवाने के लिए 89 पंजीयन केंद्र पर व्यवस्था की है। गेहूं की फसल पककर तैयार होने वाली है। वही मार्च से बाजार में नया गेहूं आने लगेगा। इससे पहले सरकारी गेहूं खरीदी के लिए समर्थन मूल्य तय कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य (एमएसपी) भारत सरकार ने इस वर्ष 150 रुपए बढ़ाकर 2425 रुपए कर दिया है। जबकि बीते साल 28 हजार 311 किसानों में पंजीयन करवाया था। गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए था। जहां 31 मार्च तक किसान अपना पंजीयन करवा सकते हैं। क्योंकि किसानों द्वारा बोए गए गेहूं की खरीदी के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। वही मार्च -अप्रैल माह में होने वाली समर्थन मूल्य की गेहूं खरीदी के लिए अभी से कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार ने पंजीयन नीति-निर्देश जारी कर दिए हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूूं खरीद की प्रक्रिया के लिए शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जनवरी को गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक 20 जनवरी से से 31 मार्च तक पंजीयन करवा सकते है पिछली बार 109 केंद्रों पर गेंहू खरीदी हुई थी। इस बार उन्हीं केंद्रों के अलावा अन्य जगह पर भी किसानों पंजीयन करवा सकते है जिन्हें पोर्टल पर दर्ज किए जाने की प्रक्रिया खाद्य आपूर्ति विभाग करता है

6 साल में मात्र 437 रु की बढ़ोतरी:
जहां केंद्र सरकार व राज्य सरकार चुनाव के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों में किसानों की आय बढ़ाने की बात करती है मगर जमीनी स्तर पर आज तक किसानों की आई नहीं बढ़ पाए कि अगर पिछले 6 सालो में देखा जाए  मात्र 437 रुपए किसानों को सरकार ने बोनस के रूप में दिए हैं वहीं महंगाई के इस दौर में किसानों को सरकार से बस 437 का बोनस 6 सालों में मिल पाया है। तो किसानों की आय कैसे दूगनी हौगी। वही किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक दाम किसानों को बाजार में मिलता है। इसलिए ज्यादातर किसान अपना गेहूं बाजार में ही बेचते हैं। इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं तुलवाने वाले किसानों को प्रति क्विंटल के हिसाब से 2425 रुपए मूल्य मिलेगा। गत वर्ष के मुकाबले 150 रुपए बढ़ाया गया है। वहीं बीते 6 सालों की बात करें तो वर्ष 2019- 2020 से वर्ष 2024-25 के बीच 437 रुपए की बढ़ोतरी हुई। 

इस बार 3 लाख 20 हजार हेक्टेयर में है गेहूं:

जिले में सामान्य वर्षा के चलते इस बार गेहूं का रकबा गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा हो गया है। जिले के कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार में लगभग 3 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में किसानों ने गेहू की बोवनी की है, जबकि गत वर्ष 2 लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोने का लक्ष्य रखा गया था। यही वजह है कि गत वर्ष 23-24 में जिले में 17 हजार किसानों से 1 लाख 99 हजार 421 मैट्रिकटन अधिक गेहूं समर्थन मूल्य पर किसानों ने सरकार को बेचा है। जो एक रिकॉर्ड है। पिछले साल समर्थन मूल्य पर जिले में 1 लाख 99 हजार मैट्रिक टन गेहूं सरकार के गोदाम में आया था। जिले में इस वर्ष बारिश अच्छी होने के कारण खरीफ की फसलों का रकबा बड़ा है। इसमें गेहूं प्रमुख है। पिछले वर्ष जिले में 2 लाख 90 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में किसानों ने गेहूं बोया था, लेकिन इस बार यह रकबा पिछले साल से थोड़ा ज्यादा है। मगर पानी के चलते उत्पादन पर फर्क बढेगा। 

89 केंद्रों पर 145 ने कराया पंजीयन:
गेंहू बेचने भी सिर्फ 145 किसान पंजीयन करवाने पहुंचे। वही किसान एप से कर सकते हैं पंजीयन समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों पर को 20 जनवरी से 31 मार्च 2025 के बीच पंजीयन कराना होगा। पंजीयन कराने वाले किसान ही अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्रों पर तुलवा पाएंगे। किसान स्वयं के मोबाइल से एमपी किसान एप के माध्यम से घर बैठे भी पंजीयन कर सकेंगे। हालांकि पहले दिन पंजीयन केंद्र पर एक भी किसान पंजीयन के लिए नहीं पहुंचा। अधिकारियों का कहना है किसानों को जैसे-जैसे जानकारी लगेगी, वैसे-वैसे वे पंजीयन के लिए आगे आएंगे।

इस बार उत्पादन पर भी दिखेगा असर:
क्योकि की इस बार ठंड के साथ मौसम ने भी फसलो पर असर दिखाया वही कही कही कोहरे ने फसलों पर ज्यादा नुकसान पहुँचाया है। जिस समय ठंड गिरना थी उस समय लुकाछिपी कर रही थी।  इसबार कोहरे के कारण उत्पादन में फर्क देखने को मिल सकता है। पिछले सप्ताह कोहरे के साथ ठंड की चमक ने कुछ हद तक फसलों नुकसान किया है वही पिछली वेराइटी के गेंहू को ठंड गिरने से चमक ला दी है। जिससे उत्पादन बढ़ने की उम्मीद भी जागी है। हालांकि विभागीय अधिकारी उत्पादन का आंकड़ा रकबे के हिसाब से तय करने को गलत बताते हैं, अगर आने वाले समय गेहूं की फसल प्रभावित नही होती है तो उत्पादन बढ़ सकता है 

31 मार्च तक पंजीयन:
समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों के पंजीयन शुरू हो गए हैं। अभी खरीदी केंद्र निर्धारित नहीं किए हैं। पंजीयन 21 जनवरी से 31 मार्च तक होंगे। किसानों को पंजीयन के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नही आने दी जाएगी। इसबार जिले में 89 पंजीयन केंद्र बनाए जिसपर किसान जाकर निशुल्क पंजीयन करवा सकते है 
श्रीराम बरडे  खाद्य आपूर्ति अधिकारी, धार

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