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धार और नासिक जिले की जमीन अधिग्रहण के आदेश धार, बड़वानी और खरगोन जिलों के कुल 77 गांवों से गुजरने वाली इंदौर-मनमाड़ रेल

कुल 309 किलोमीटर की यह परियोजना तमाम झटकों के बाद अब तेजी से आकार लेने लगी है

आशीष यादव धार

जिले एक एक ओर रेल परियोजना मनमाड़-इंदौर रेल परियोजना के तहत भारतीय रेलवे मध्य प्रदेश के इंदौर धार से महाराष्ट्र तक नई रेल लाइन बिछाने जा रहा है। ऐसे में लंबे समय से अटके धार इंदौर जिले के गांवों और महाराष्ट्र के धुलिया जिले में आने वाले कई गांवों का अधिग्रहण किया जाएगा। दरअसल, ये गांव रेल मार्ग के क्षेत्र में आ रहे हैं। इनके अधिकग्रहण के लिए भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। वही धार, बड़वानी और खरगोन जिलों के कुल 77 गांवों से गुजरने वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए दोनों जिलों के बाद अब बचे धार जिले के 28 गांवों की जमीन अधिग्रहित करने के आदेश जारी हो गए हैं। इसी के साथ महाराष्ट्र के नाशिक जिले के गांवों की जमीन भी अधिग्रहित होगी। कुल 309 किलोमीटर की यह परियोजना तमाम झटकों के बाद अब तेजी से आकार लेने लगी है। रेलवे सूत्रों ने बताया जमीन लेने के बदले रेलवे भू-स्वामियों को खासी रकम देगी। मनमाड़-इंदौर रेलमार्ग परियोजना के लिए पूर्व में खरगोन और बड़वानी जिलों के कुछ गांवों की जमीन अधिग्रहण के आदेश जारी हुए थे।

28 गाँवो की जमीन अधिग्रहण:
नए रेल प्रोजेक्ट में मप्र के धार जिले के तहत मार्ग में आने वाले 28 गांवों की जमीन के अधिग्रहण का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब महाराष्ट्र के नाशिक जिले और धार जिले के गांवों के नाम सहित जमीन अधिग्रहण के आदेश जारी हो गए हैं। उधर, इसी परियोजना में आने वाले महाराष्ट्र के नाशिक जिले की नाशिक तहसील के नंदगांव, मनमाड़, अस्तेगांव, पंजन, देव खातेगांव, नवसारी और भारड़ी गांवों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है।

महू मनमाड़ तक 309 किमी की
भारत सरकार के राजपत्र गजट के अनुसार केंद्र सरकार ने रेल अधिनियम 1989 की धारा 2 खंड 7 द्वारा प्रदत्त शक्तियों प्रयोग करते हुए कुछ अधिकारियों की प्राधिकारी के रूप में नियुक्ति की है। इन्हें भू-अधिग्रहण के लिए सक्षम अधिकारी के रूप में प्राधिकृत किया गया है, जो जमीन अधिग्रहण का कार्य देखेंगे। इसके तहत अधिसूचना के राजपत्र के प्रकाशन की तारीख 6 जनवरी मुंबई 2025 मनमाड़-इंदौर नई रेल लाइन परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण करने के लिए महाराष्ट्र के नाशिक जिले में निष्पादन अनुसरण प्रबंधन और संचालन के लोक प्रयोजन के लिए प्राधिकारी बनाया गया है। ये रेल परियोजना मनमाड़ से नया धुलिया और नरडाणा से डॉ. आंबेडकर नगर (महू) तक 309 किमी की है, जिसमें बीच में मप्र के तीन जिलों धार, बड़वानी और खरगोन जिले के कुल 77 गांव आएंगे। बड़वानी के 39 और खरगोन के 10 गांवों की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्व में शुरू हो चुकी है और अब धार जिले के 28 गांवों की जमीन अधिग्रहण के आदेश हुए हैं।

पहली बार आदिवासी अंचलों से गुजरेगी ट्रेन:
विकास और शहरी चकाचौंध से दूर रहे आदिवासियों को पहली बार ट्रेन के दर्शन होंगे। इंदौर-मनमाड़ ट्रेन उनके इलाकों से गुजरेगी। परियोजना से लगभग एक हजार गांव और 30 लाख आबादी का रेल सेवाओं से सीधा संपर्क जुड़ेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का संचालन होगा, जिनमें 50 लाख यात्री शुरुआती वर्षों में सफर करेंगे। हर साल इस प्रोजेक्ट से रेलवे को 900 करोड़
से अधिक का राजस्व मिलेगा। इंदौर से मुंबई की दूरी भी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी। पांच वर्ष में यह प्रोजेक्ट तैयार होने का लक्ष्य रखा गया है।

यह रहेगा ट्रेन का रूट…
विशेष परियोजना में लिए जाने के कारण इस परियोजना को योजना आयोग अर्थात नीति आयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यालय वित्तीय विभाग से विशेष मंजूरी मिली है। इसके चलते इस परियोजना का तेज गति से काम चल रहा है। नई रेल लाइन महू से धार होते हुए धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुळे, मालेगांव होकर मनमाड़ पहुंचेगी। पूरी परियोजना में 30 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे

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