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धार; स्वदेशी मेले में मां वाग्देवी सरस्वती का मंदिर बना कर प्रतिकृति स्थापित की जाएगी 85 स्टाल लगेंगे जिनसे पूर्णरूप से स्वदेशी उत्पाद ही विक्रय होंगे

संघ के पंच परिवर्तन के विचार के आधार पर स्वदेशी मेले में काम किया जा रहा है – डॉ विशाल पुरोहित

धार; आशीष यादव। स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी मेले के माध्यम से स्वदेशी उद्योगों एवं संस्कृति के विकास के लिए जनता में जागरूकता पैदा करना है । इसी विषय को लेकर धार नगर में भी स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं लघु भारत की एक झलक दिखने का प्रयत्न किया जाएगा उक्त बात पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच मालवा प्रांत सह संयोजक डॉ विशाल पुरोहित ने कही पत्रकार वार्ता में स्वदेशी मेला सह संयोजक दीपक बिड़कर, कालीचरण सोनवानिया, मिलन पाल, ममता जोशी, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख स्वप्नजा बीडकर मंचासिन थे।

डॉ पुरोहित ने कहा संघ के पंच परिवर्तन के विचार के आधार पर स्वदेशी मेले में काम किया जा रहा है। पंच परिवर्तन में प्रमुखरूप से स्वदेशी , सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक शिष्टाचार और पर्यावरण संरक्षण को मेला का आधार बनाया है। युवाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक के माध्यम से लोन के लिए बैंक भी अपने स्टाल लगाने वाले है। वहीं सरकारी स्वरोजगार की योजनाओं का प्रदर्शन भी मेले में किया जाएगा जिस से यूवाओ में स्वरोजगार की प्रेरणा मिले और देश उन्नत भारत बने । मेले का शुभारंभ स्वालंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय सह समन्वयक जितेंद्र गुप्ता एवं स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संयोजक सुधीर दाते के कर कमलों से होगा ।

मेला सह संयोजक दीपक बिड़कर ने बताया कि हम सभी के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि हमारे नगर में स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा स्वदेशी मेला लगने जा रहा है । मेले में मुख्य रूप से हम सभी के आस्था की केंद्र मां वाग्देवी सरस्वती की प्रतिकृति भी स्थापित की जाएगी । जिस प्रकार से हिंदू संस्कृति में दिन की शुरुआत मंदिर से की जाती है उसी प्रकार मेले के प्रवेश द्वार के नजदीक मां वाग्देवी का मंदिर बना कर चित्र स्थापित किया जाएगा इसी के साथ में 10 जनवरी से मेले की शुरुआत होगी मेले में 85 स्टाल लगने वाले हे । 60 स्टाल बाहरी उद्यमियों को और शेष स्टाल स्थानीय युवा उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को आवंटित किए जाएंगे जिनमें पूर्ण रूप से स्वदेशी उत्पाद का ही विक्रय किया जाएगा । मेले में देश और राज्य की संस्कृति, कला हस्तशिल्प, खानपान आदि की झलक देखने को मिलेगी । स्वदेशी मेले में ग्रामीण परिवेश की थीम पर भी काम किया जाएगा इसी के साथ मेला स्थान पर महाराजा भोज स्वालंबन नगर भी बनाया जाएगा जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को व्यापार हेतु निःशुल्क स्थान प्रदान किया जाएगा। मेला सह संयोजक ममता जोशी ने बताया कि मेले में महिलाओं को भी सामन रूप से अवसर दिया जाएगा । स्वदेशी मेले के माध्यम से स्वदेशी जागरण मंच युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का काम कर रहा है। उक्त जानकारी स्वदेशी मेला मीडिया प्रभारी दीपक सिंह रघुवंशी ने दी

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