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जहरीला कचरा जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

धार। आशीष यादव। यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का जहरीला कचरा जलाने को लेकर विरोध जारी है। रामकी कंपनी के परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। रविवार सुबह कंपनी की बाउंड्रीवॉल पर कंटीले तार लगाने का काम शुरू किया गया। पुलिस का सख्त पहरा है और अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि 12 कंटेनरों में से एक कंटेनर से रासायनिक कचरा निकालकर जलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। इधर, प्रशासन के लिए अफवाह सिरदर्द बन गई। प्रशासन ने इस दावे का खंडन किया। कार्यपालन मजिस्ट्रेट जयेश प्रताप सिंह ने कहा कि सभी 12 कंटेनर कंपनी परिसर में सुरक्षित और सीलबंद हैं। जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से रामकी परिसर में रखे कंटेनरों को दिखाने की बात कही। दोपहर में एसडीएम प्रमोद गुर्जर और अन्य अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों को रामकी कंपनी का दौरा कराया। नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश पटेल, पीथमपुर बचाओ समिति के हेमंत हीरोले और कांग्रेस नेता बंशी वर्मा, संदीप रघुवंशी, एडवोकेट राजेश चौधरी, परमेश्वर रघुवंशी, विनायक गज्जू को कंटेनर दिखाए गए। जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्टि की कि सभी कंटेनर सुरक्षित हैं। डॉ हेमंत हिरोले ने कहा कि प्रमुख चौराहों पर एलसीडी लगाए जाए, जिसे आम जनता भी कंटेनरों को देख सके।

अफवाह के कारण हुआ पथराव
शनिवार को पथराव की घटना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एसडीएम प्रमोद गुर्जर ने बताया कि अफवाह के कारण पथराव हुआ। कंपनी में न तो कचरा उतारा गया है और न ही कोई मजदूर घायल हुआ। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। अगर कचरे से संबंधित कोई सवाल हो वह सीधे हमसे पूछ सकता है।

कंपनी की बाउंड्री में लगवाए नुकीले तार
कंपनी की सुरक्षा और सख्त की गई है। कंपनी के बाउंड्रीवॉल को सात फीट से बढ़ाकर साढ़े दस फीट ऊंचा किया जा रहा है। इसके लिए ढाई फीट ऊंचे कंटीले तार लगाए जा रहे हैं। जिससे कोई व्यक्ति दिवाल फांदकर कंपनी में प्रवेश न कर सके। पीथमपुर बचाओ समिति के हेमंत हीरोले ने कहा कि 6 जनवरी को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई है। उसके बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर की घायलों से मुलाकात
तीन दिन पहले भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने विरोध में दो व्यक्तियों ने आत्मदाह का प्रयास किया। उन्होंने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाने की कोशिश की, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए। घायलों को तत्काल इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। इस बीच, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश पटेल, अमृत जैन, कांग्रेस नेता बंशी वर्मा, परमेश्वर रघुवंशी, संदीप रघुवंशी, रोहित मेवाड़ा, हेमंत पटेल और देवेंद्र पटेल ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। नेताओं ने घायलों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

मामला कोर्ट में-
भोपाल गैस त्रासदी के कचरे को पीथमपुर की इंसीनेटर में जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को पीथमपुर में जलाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुर के लोगों से कोई सलाह या सहमति नहीं ली गई। मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ठीक 40 साल पहले यानी 1984 में यूनियन कार्बाइड कारखाने में खतरनाक गैस मिथाइल आइसोनेटे लीक होने से 8 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जबकि हजारों लोग प्रभावित होकर अपंगता और अंधेपन के शिकार हुए थे।

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