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धार। समग्र आईडी के लिए नई व्यवस्था से आम लोगों को हो रही परेशानी, ग्राम पंचायतों व नगरपालिका में पत्नी का नाम समग्र आईडी में नाम जोड़वाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य

धार। आशीष यादव। शासन के नए नियम के अनुसार, मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था समग्र आईडी प्रणाली में लागू की गई है। इसके तहत शादी के बाद पत्नी का नाम समग्र आईडी में जोड़ने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक होगा। इस आदेश के चलते उन लोगों को समस्या हो रही है, जिन्हें इस नियम की जानकारी नहीं है और जिनके पास मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। शासन ने यह व्यवस्था 14 अगस्त 2024 से लागू की है। अब समग्र आईडी पोर्टल पर नाम जोड़ने के लिए विवाह पंजीयन का विकल्प दिखने लगा है। विवाह पंजीयन पूरा किए बिना पत्नी का नाम समग्र आईडी में नहीं जोड़ा जा सकता।

प्रचार की कमी बनी चुनौती
ग्राम पंचायतों व नगर पालिका ने इस नई व्यवस्था का प्रचार-प्रसार अभी तक नहीं किया है। जिन लोगों को इसकी आवश्यकता नहीं है, वे मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने नहीं आ रहे हैं। वहीं, जिन लोगों को समग्र आईडी में नाम जुड़वाने की जरूरत पड़ रही है, उन्हें ग्राम पंचायत ,नगर पालिका कार्यालय में आकर पता चलता है कि पहले मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है।

मैरिज सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
हाल ही में शादी करने वाले दंपतियों के लिए विवाह पंजीयन कराना अत्यधिक जरूरी है। दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण कई कार्य अटक सकते हैं। वर्तमान में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता बढ़ गई है। सरकार ने 2008 से विवाह पंजीयन की व्यवस्था शुरू की थी। शुरुआती दौर में इसका उपयोग मुख्यतः पासपोर्ट बनवाने के लिए होता था। लेकिन समय के साथ विभिन्न कानूनी और व्यवहारिक जरूरतों के लिए इसका महत्व बढ़ा है। यदि किसी को वैधानिक रूप से यह साबित करना हो कि वह विवाहित है, तो मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होता है। पासपोर्ट बनवाने, नाम बदलने, वीजा लेने और संपत्ति के मामलों में भी यह आवश्यक है।

मैरिज सर्टिफिकेट के फायदे

  1. विवाह से संबंधित प्रामाणिक दस्तावेज।2. बाल विवाह पंजीकृत न होने से बाल विवाह पर रोकथाम हो सकेगी ।
  2. विदेश यात्रा के लिए विवाह प्रमाण-पत्र उपयोगी ।
    4.उत्तर दायित्व संबंधी निराकरण एवं सम्पत्ति संबंधी विवादों में उपयोगी दस्तावेज होगा ।
  3. शासकीय/अर्द्ध-शासकीय कर्मचारियों के कार्यालय अभिलेखों में वैवाहिक परिस्थिति परिवर्तन हेतु अनिवार्य दस्तावेज ।
    6.विवाह के बाद महिला का नाम न बदलने की स्थिति में कानूनी अधिकारों और लाभों के लिए मददगार।
  4. तलाक या गुजारा भत्ता प्राप्त करने में उपयोगी।
  5. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सहायक।

समग्र आईडी की अनिवार्यता
’ बच्चों के स्कूल में प्रवेश के लिए।
’ पीडीएस राशन लेने के लिए।
’ बीमा करवाने के लिए।
’ पेंशन योजनाओं का लाभ लेने के लिए।
’ विवाह सहायता और अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए।
’ राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के लिए।
’ भूमि वेरिफिकेशन के लिए।

ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा परेशानी
ग्रामीण क्षेत्र में विवाह पंजीयन के लिए ग्रामीणों को ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है जिसका आक्रोश कभी कभी ग्राम पंचायत के कर्मचारी सचिव सहायक सचिव को भी झेलना पड़ता है कम पढ़े लिखे व मजदूर वर्ग से होने के कारण इस जटिल प्रक्रिया को ग्रामीण समझ नहीं पाते और पंचायत के कर्मचारी को समग्र आईडी में पत्नी का नाम जोड़ने हेतु दबाव भी दिया जाता है जिससे विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है

पंजीयन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
विवाह सर्टिफिकेट हेतु लोक सेवा केन्द्र जाकर ऑफलाइन फॉर्म के साथ वर वधु के कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं। उसके बाद लोक सेवा केन्द्र से ऑनलाइन आवेदन होने पर निश्चित की गई समय सीमा जो 1 माह के बाद लोक सेवा केन्द्र से मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है । ग्राम पंचायत के लिए विवाह रजिस्टार पंचायत सचिव को नियुक्त किया गया है एव शहरी क्षेत्र के लिए नगर पालिका नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका/परिषद अधिकारी मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 23/01/2008 के प्राधिकार से प्रकाशित विवाह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बिन्दु क्र. 1 विवाह जिस क्षेत्र में सम्पन्न हुआ है पंजीयन उसी क्षेत्र के रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा। जिसके लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. वरवधु दोनों पक्षों की शादी की पत्रिका
  2. वरवधु दोनों की 10वीं की अंक सूचि या जन्म प्रमाण पत्र या वोटर आईडी, आधार कार्ड या अन्य किसी दस्तावेज के आधार पर शपथ पत्र ।
  3. वरवधु और विवाह करवाने वाले पंडितजी का कोई भी पहचान प्रमाण जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड या पेन कार्ड आदि
  4. वरवधु के दो पासपोर्ट साईज सयुक्त फोटो और एक शादी का 5 ग् 7 का पोस्ट कार्ड साईज फोटो
  5. जहाँ शादी हुई धर्मशाला या गार्डन की रशीद
  6. वरवधु दोनों का सयुक्त शपथ पत्र जिसमें विवाह की सहमती हो
  7. आवेदन फॉर्म में वर वधु के अँगूठे के निशान
  8. साक्षी का कोई भी पहचान प्रमाण जैसे वोटर आईडी, आधार
    10.यदि विवाह पंजीकृत पुजारी या आर्य समाज द्वारा सम्पन्न कराया गया हो तो पुजारी या संस्थान का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
    11.माता-पिता (वर और वधु ) का पहचान प्रमाण

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