बड़वानी; विदुषी वक्ता डॉ. चन्दा यादव ने कहा-अंग्रेजी एक भाषा ही नहीं, रोजगार का बहुत बड़ा साधन भी है
बड़वानी; व्यक्तित्व विकास में भाषा का अत्यधिक महत्व है. अपनी मातृभाषा हिंदी के साथ ही अंग्रेजी भी हमें सीखनी चाहिए. अंग्रेजी कम्युनिकेशन की एक भाषा ही नहीं है, बल्कि यह रोजगार का बहुत बड़ा साधन भी है. आजकल कक्षा पहली से अंग्रेजी पाठ्यक्रम का हिस्सा होती है. कॉलेज में भी स्नातक स्तर पर अंग्रेजी का अध्यापन होता है. फिर भी अंग्रेजी भाषा में धाराप्रवाह बोलने में कठिनाई आती है. इस कठिनाई को आप अपने प्रयासों से दूर कीजिये. भाषा सीखने के चार सोपान होते हैं. सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना. आप अधिक से अधिक अंग्रेजी सुनिए. अंग्रेजी में लिखे लेख, कहानियां आदि पढ़िए. बोलने का प्रयास कीजिये. रचनात्मक लेखन का अभ्यास कीजिये. महत्वपूर्ण विषयों पर मौलिक लेखन कीजिये. अंग्रेजी के ज्ञान के आधार पर निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हो जाते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से शब्दकोश और व्याकरण पर पकड़ स्थापित कीजिये. ये बातें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा ‘अंग्रेजी भाषा का व्यक्तित्व विकास एवं रोजगारपरकता’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में अंग्रेजी की विदुषी वक्ता डॉ. चन्दा यादव ने कहीं. उन्होंने धाराप्रवाह अंग्रेजी में अपना उद्बोधन देते हुए युवाओं के समक्ष अच्छे उच्चारण और स्तरीय शब्दों के साथ भाषा के प्रयोग का उदाहरण प्रस्तुत किया. यह आयोजन प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में किया गया. डॉ. चन्दा यादव ने विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा सीखने और इसे व्यवहार में अपनाने के सम्बन्ध में अनेक उपयोगी टिप्स दी. विद्यार्थी प्रेरित हुए और उनमें अंग्रेजी सीखने की प्रबल इच्छा उत्पन्न हुई. लगभग चार सौ विद्यार्थियों ने इस प्रशिक्षण का लाभ लिया.
सम्पूर्ण कार्यक्रम अंग्रेजी में हुआ
करियर सेल द्वारा प्रशिक्षित किये जा रहे वोकेशनल कोर्स व्यक्तित्व विकास के विद्यार्थियों के लिए किया गया यह पूरा आयोजन इंग्लिश में हुआ. छात्रा अनुष्का शर्मा ने इंग्लिश में प्रभावी ढंग से एंकरिंग की. छात्रा यंशिका सोलंकी ने इंग्लिश में स्वागत भाषण दिया. छात्रा प्रतिमा मुकाती ने इंग्लिश में प्रशिक्षण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि विद्यार्थियों ने अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए कितनी महत्वपूर्ण बातें सीखीं. हर्षिता चौहान ने इंग्लिश में आभार प्रदर्शन किया.
परिचर्चा का समन्वय वर्षा मुजाल्दे, अरविन्द चौहान, सुरेश कनेश, विकास सेनानी और संजू डूडवे ने किया. डॉ. मधुसूदन चौबे ने भाषा सीखने की प्रक्रिया के बारे में बताया.