सेंधवा; गीता महोत्सव मनाने का प्रयास सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का प्रयास – डॉ वैशाली मोरे
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सेंधवा महाविद्यालय में गीता जयंती पर कार्यक्रम आयोजित, विद्यार्थियों व प्राध्यापकगणों ने दी जानकारी।
सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गीता जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत कि गई । इस अवसर पर छात्र विशाल वर्मा ने कहा गीता का सार यही है कि व्यक्ति अपने कर्म पर ध्यान दें फल की चिंता करना उसका कर्म नहीं है । छात्रा मिनल शर्मा ने कहा गीता हमें ज्ञान देती है, समाधान देती है। हर व्यक्ति को अपना कर्तव्य याद दिलाती है। छात्र प्रकाश सोलंकी ने कहा हर वेद का सार गीता में वर्णित है। डॉ वैशाली मोरे ने कहा गीता महोत्सव मनाने का प्रयास सराहनीय होने के साथ-साथ सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का भी प्रयास है। देखिए गीता का सार है कर्म करिए लेकिन वर्तमान समय में बहुत से लोग हैं जो बिना रिटर्न के काम ही नहीं करते ।जो गीता के सार के प्रतिकूल है।मै आपसे यही करना चाहती हूं कि आप अपनी ग़लतियों को दोहराएं नहीं, अच्छा सोचें अच्छा कर्म करें तो निश्चित ही आपको अपने कर्म के अनुसार अच्छा परिणाम मिलेंगा ।
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डॉ कलीराम पाटिल ने कहा भौतिक का सिद्धांत है क्रिया का समान मात्रा में प्रतिफल मिलना । वैसा ही गीता हमें सिखाती है कि जैसा आप कर्म करोगे वैसा आपको आज नहीं तो कल परिणाम प्राप्त होगा । ग्रंथपाल डॉ प्रीति श्रीवास्तव ने कहा गीता केवल पुस्तक ही नहीं है वह पवित्र ग्रंथ है जो सीमा से परे है ।जो सही को सही कहने को कहता है । संचालन करते हुए प्रो मनोज तारे ने नकारात्मक विचारों को समाप्त करने से लेकर अंतिम विदाई तक में गीता के सार की अपनी अलग परिस्थितियों में अपनी महती उपयोगिता बताई । कारण यह भी है कि गीता का उपदेश जाती, धर्म एवं सम्प्रदाय से परे है ।साथ ही गीता सम्पूर्ण मानव जाति का मार्गदर्शन करती है। कुरुक्षेत्र में विचलित होते हुवे अर्जुन के मन में उठने वाले सभी प्रश्नों का श्रीकृष्ण ने गीता के अठारह अध्याय में वर्णित 700 श्लोक के माध्यम उत्तर दिया। आभार डॉ आरती कमेड़िया ने माना। इस कार्यक्रम का सार यही है की गीता के उपदेश को हमें अपने जीवन में उतारना होगा तभी हम स्वयं से लेकर देश विदेश तक में धर्म संस्कृति को चिर स्थायी बना सकेंगे। इस अवसर श्री दीपक उज्जैनकर, प्रो प्रियंका यादव, डॉ राकेश जाधव, डॉ राकेश चौहान, प्रो शिव बार्चे, प्रो तपन चौबे सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।यह जानकारी डॉ विकास पंडित ने दी।
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