संविदा उपयंत्रियों को नियमित किया जाए, सीएम के नाम विधायक को सौंपा ज्ञापन
सेंधवा। मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएषन भोपाल के बैनत तले स्थानीय इंजीनियर्स द्वारा क्षेत्रीय विधायक मोंटू सोलंकी को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि मनरेगा योजना अंतर्गत उपयंत्रियो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत संविदा उपयंत्रियों को नियमित किया जाए। ज्ञापन में बताया गया कि उपरोक्त विषयांकित संदर्भ के तहत निवेदन है कि मनरेगा योजना के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, म.प्र. में संविदा उपयंत्री विगत 16-17 वर्षों से सफलतापूर्वक कार्य कर रहे है। समस्त प्रकार के निर्माण कार्यों सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के विभागीय टेण्डर प्रक्रिया आदि के कार्य भी नियमित उपयंत्रियों की भांति संपादित कर रहे है।
म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशिएशन निरंतर शासन से नियमित पदस्थापना में संविदा उपयंत्रियों को पदस्थ करने की मांग करते आ रहे हैं। उक्त संविदा सदस्य को नियमित पदस्थापना में पदस्थ उपयंत्रियों के अनुरूप तकनीकी सर्वे कार्य, विस्तृत प्राक्कलन इत्यादि कार्य कर रहे है, उपयंत्री एक विशेष तकनीकी योग्यताधारी पद है। जिस पर उक्त योग्य व्यक्ति ही कार्य कर सकता है। फिर भी उन्हे अत्यंत न्यूनतम वेतन पर कार्य करना पड रहा है। समान कार्य-समान वेतन के मौलिक सिद्धान्त का पालन नहीं हो रहा है। जिससे संविदा उपयंत्रियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अनेक वर्गों के अस्थायी स्थापना के पदों को नियमित पदों में परिवर्तित किया गया है (यथा गुरु जी, संविदा शिक्षक, दैनिक वेतनमानभोगी, जनअभियान परिषद आदि के अधिकारियो कर्मचारियों) अतः आपसे संघ निम्नानुसार विनम अनुग्रह करता है कि
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा अन्य निर्माण विभागों में रिक्त स्वीकृत पदो के विरुद्ध वरिष्ठता क्रम अर्थात अनुभव के आधार पर सौमित विभागीय परीक्षा लेकर विभाग में संविलयन करने की प्रक्रिया हेतु निर्देशित करने का कष्ट करे।
जब तक प्रक्रिया प्रचलित होगी तब तक मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्यरत समस्त उपयंत्रियों की स्थापना पूर्वतः प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत करने हेतु आदेशित करने का कष्ट करे।
उपरोक्तानुसार मांगो में शासन पर कोई भी वित्तीय भार नही आयेगा, परन्तु उक्त आदेश प्रादेशिक विकास में एक मौल का पत्थर साबित होगा।