अंजड। नर्मदा परिक्रमा वासियों की सेवा में जुटी माँ नर्मदा सेवा समिति
अंजड। नगर की भावसार समाज धर्मशाला में माँ नर्मदा सेवा समिति भावसार धर्मशाला अंजड द्वारा प्रतिदिन नर्मदा परिक्रमा वासियों की सेवा हस्तमुक्त से की जा रही है। जिससे नर्मदा परिक्रमा पर निकले श्रद्धालुओ को निशुल्क भोजन, ठहरने, चाय, नास्ते आदि की व्यवस्थाए मिल रही है। भावसार धर्मशाला में प्रतिदिन 80 से 100 परिक्रमा वासी आकर भोजन ग्रहण कर रात्रि विश्राम कर रहे है।
समिति के प्रमुख योगेश भावसार ने बताया कि यह नर्मदा परिक्रमा वासियों की सेवा विगत चार साल सन 2021 से लगातार जारी है।
उन्होंने बताया कि नर्मदा परिक्रमा दशहरे के बाद से शुरू हो जाती है और दीपावली के बाद परिक्रमा वासियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है। परिक्रमा वासियों का आगमन शाम 4 बजे शुरू हो जाता है व भावसार धर्मशाला में शाम के समय प्रतिदिन 70 से 80 नर्मदा परिक्रमावासी आ रहे है। आते ही उन्हें चाय पिलाई जाती है। उसके बाद शाम 7 बजे से भोजन करवाया जाता है। रात्रि विश्राम हेतु सभी के लिए गादी व रजाई की व्यवस्था की गई है। सेवादारों द्वारा सुबह 6 बजे से सभी को चाय पिलाई जाती है। भावसार धर्मशाला में पर्याप्त मात्रा में शौचालय व बाथरूम की व्यवस्था उपलब्ध है।
इसके अलावा सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक भी परिक्रमा वासियों की भोजन व्यवस्था रहती है। इस समय में भी करीब 20 से 25 श्रद्धालुओं को भोजन करवाया जाता है।
सभी मोहल्लेवासी कर रहे सेवा-
माँ नर्मदा सेवा समिति भावसार धर्मशाला के व्यवस्थापक निलेष भावसार ने बताया कि भावसार मोहल्ले की सभी माता बहनो व युवाओं द्वारा प्रतिदिन धर्मशाला में ही गरमा गरम भोजन बना कर खिलाया जाता है जिसमे कभी सब्जी, रोटी, दाल चावल तो कभी दालबाटी व मक्का की रोटी भी खिलाई जाती है। सेवा के इस कार्य मे नगर से भी कई भक्तों का सहयोग मिल रहा है। जब तक नर्मदा परिक्रमा चलती है तब तक सेवा का क्रम भी निरन्तर जारी रहता है।
सेवा देख अभिभूत होते है श्रद्धालु-
नर्मदा परिक्रमा पर मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छतीसगढ़ सहित पूरे देश से श्रद्धालुजन आते है। अहमदाबाद गुजरात के रिटायर्ड शिक्षक धीरेंद्र लाल चावड़ा ने कहा कि मैने 20 नवंबर से ओंकारेश्वर से यात्रा शुरू की है और पिछले नौ दिनों में मुझे घर की याद नही आई थी लेकिन आज अंजड में भोजन करने के बाद ऐसा लगा कि में अपने घर पर भोजन कर रहा हूं, यहां की माता बहनो की सेवा अद्भुत है जो बड़े ही प्यार से अपने हाथों से भोजन बनाकर खिला रही है। तथा उन्होंने परिक्रमा वासियों से नर्मदा पथ को स्वच्छ बनाये रखने तथा धूम्रपान नही करने का आवाहन किया है।
इसी तरह से मुम्बई (थाणे) की निवासी श्रीमती मनीषा काले ने बताया कि यह मेरी पहली यात्रा है, निमाड क्षेत्र के लोगो की सेवा भाव देखकर हम हैरान रह गए, आपकी सेवा देखकर हम सोच भी नही सकते है कि इस तरह की सेवा भी हो सकती है, हमारे पास बयां करने के शब्द नही है ऐसी सेवा मेने जीवन मे पहली बार देखी है।