खंडवा बुरहानपुर जिले के नागरिकों को जबलपुर के स्थान पर इंदौर न्यायालय मैं न्याय मिले
सांसद श्री पाटिल ने दिल्ली में केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री मेघवाल से भेंट कर पत्र सोंपा,
विधि प्रकोष्ठ द्वारा इंदौर खंडपीठ को लेकर सांसद श्री पाटिल के प्रयास के लिए धन्यवाद देखकर आभार व्यक्त किया,
खंडवा( मुश्ताक मंसूरी) इन दिनों दिल्ली में लोकसभा का सत्र चल रहा है, प्रतिदिन जहां लोकसभा में खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल उपस्थित हो रहे हैं, वहीं दिल्ली मंत्रालय के कार्यालय में संसदीय क्षेत्र के विकास एवं अन्य कार्यों को लेकर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल केंद्रीय मंत्रियों से भी रूबरू होकर विकास को लेकर पत्र सोंप रहे हैं, प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि वर्षों से खंडवा बुरहानपुर जिलों के न्यायिक अधिकार क्षेत्र जबलपुर में होने से लोगों को काफी परेशानी समय एवं पैसे की बर्बादी भी होती है, इसको लेकर समय-समय पर न्यायिक क्षेत्र जबलपुर के स्थान पर इंदौर न्यायालय करने की मांग उठती रही है, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने दिल्ली में केन्द्रीय विधि और न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुनराम मेघवाल जी से भेट कर संसदीय क्षेत्र खंडवा और बुरहानपुर जिलों के न्यायिक अधिकार क्षेत्र जुडिशिएश को जबलपुर के न्यायालय क्षेत्र से हटाकर इंदौर उच्च न्यायालय में सम्मिलित करने के संबंध में पत्र सौंप आग्रह किया की जबलपुर में उच्च न्यायालय होने से मेरे संसदीय क्षेत्र खंडवा और बुरहानपुर सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों के नागरिकों के लिए काफी असुविधाजनक है। मेरे संसदीय क्षेत्र के लोगों को काफ़ी लंबी दूरी तय करने के कारण न्याय पाने में विलंब होता है और न्यायिक प्रक्रिया महंगी हो जाती है, प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि इस गंभीर विषय को लेकर सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल ने केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मुलाकात कर चर्चा करते हुए अनुरोध पत्र सोंपा,माननीय मंत्रीजी ने सांसद श्री पाटिल को आश्वस्त किया की सरकार द्वारा इस पर विचार किया जाकर उचित निर्णय लिया जाएगा,
,,खंडवा बुरहानपुर न्याय क्षेत्र को उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ से जोड़े जाने का सांसद जी द्वारा किए जा रहे प्रयास सहरानीय व स्वागत योग्य है,,
खंडवा बुरहानपुर दोनों जिलों के अधिवक्ता और विधि व्यवसायियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि खंडवा बुरहानपुर दोनों जिलों के न्याय क्षेत्र को जबलपुर उच्च न्यायालय के बजाय इंदौर खंडपीठ से जोड़ा जाना न सिर्फ अधिवक्ताओं के लिए अपितु आमजन के लिए भी हितकर है, समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि खंडवा और बुरहानपुर से जबलपुर की दूरी लगभग 600 किलोमीटर से भी अधिक है और जाने के लिए एकमात्र ट्रेन का ही साधन उपलब्ध है जिसमें 6 से 8 घंटे का समय एक तरफ यात्रा में व्यतीत करना होता है और यात्रा व्यय भी अधिक लगता है, वही खंडवा से इंदौर की दूरी लगभग 130 किलोमीटर और बुरहानपुर से 160 किलोमीटर की दूरी है इन दोनों स्थानों से सुबह इंदौर जाकर वापस अपने स्थान पर आना संभव है।
जिला अधिवक्ता संघ खंडवा के पूर्व सचिव और भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक अधिवक्ता देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि फोर लेन निर्माण पूर्ण हो जाने से यह दूरी और समय और भी काम हो जाएगा तथा सड़क मार्ग के साथ रेल मार्ग भी उपलब्ध होने से आम ग्रामीण पक्षकारों व वकीलों को इसके लिए बहुत सुविधा रहेगी।
श्री यादव ने आगे बताया कि खंडवा और बुरहानपुर में ऐसे कई विधि के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता हैं जो स्वयं इंदौर खंडपीठ क्षेत्राधिकार होने पर अपने पक्षकारों के मामलों में पैरवी करने में सक्षम है ऐसे में वह अपने पक्षकारों को त्वरित रूप से न्याय प्राप्ति में भी सहयोग कर सकते हैं इसलिए खंडवा बुरहानपुर जिले के न्याय क्षेत्र को इंदौर उच्च न्यायालय खंडपीठ से जोड़ा जाना हर लिहाज और परिस्थितियों से उचित है वैसे भी इन दोनों जिलों के आसपास के अन्य सभी जिलों का जूरिडिक्शन इंदौर उच्च न्यायालय खंडपीठ को ही है ऐसे में माननीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा इस संबंध में चिंता करते हुए जो विगत दिन हो केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम जी मेघवाल से भेंट कर जो जूरिडिक्शन इंदौर से जोड़े जाने की मांग की गई है वह सराहनीय और स्वागत योग्य है,इस हेतु खंडवा और बुरहानपुर जिले के सभी अधिवक्ताओं का सहयोग उन्हें प्राप्त रहेगा।