सेंधवा; एनसीसी कैडेट्स द्वारा एनसीसी दिवस मनाया
सेंधवा। 9 मध्य प्रदेश बटालियन एनसीसी इंदौर के पत्र अनुसार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नवंबर माह के आखिरी रविवार अर्थात 24 नवंबर को वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा के एनसीसी कैडेट्स द्वारा एनसीसी दिवस मनाया गया , यह 76वां एनसीसी दिवस है इस उपलक्ष में 24 नवंबर से 26 नवंबर तक एनसीसी कैडेट्स द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन महाविद्यालय स्तर पर किया जाएगा ।
रविवार को 76 वां एनसीसी दिवस मनाया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सेंधवा शहर के थाना प्रभारी श्री बलजीत सिंह जी ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे एक एनसीसी कैडेट का अनुशासन एवं उसकी वर्दी उसको महाविद्यालय के बाकी छात्रों से या शहर के अन्य लोगो से अलग बनाता है, आगे उन्होंने बताया कि आज कल का युवा अब मैदानी खेल छोड़कर सिर्फ मोबाइल में व्यस्त रहने लगा है ऐसे में एनसीसी कैडेट्स को इस तरह यूनिफॉर्म में अनुशासन में देख कर अच्छा लगता है । साथ ही उन्होंने सेंधवा शहर में एक थाना प्रभारी होने के नाते उनके सामने आने वाली चुनोतियो एवं अनुभवों को साझा किया एवं साइबर ठगी से खुद को एवं अपने परिवार को सचेत रहने हेतु तरीके बताए ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ राहुल सूर्यवंशी ने एनसीसी के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि एनसीसी हमारे व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का आधार है एनसीसी का जो आदर्श वाक्य है एकता और अनुशासन ये सम्पूर्ण चरित्र निर्माण में भूमिका निभाता है, जीवन मे बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुशासन होना बहुत आवश्यक है गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि
|| सिद्धिर्भवति कर्मजा ||
अर्थात् :- “सफलता का मूल मंत्र,
कठिन परिश्रम है..
ओर कठिन परिश्रम के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है।
महाविद्यालय के एनसीसी प्रभारी ने लेफ्टिनेंट प्रोफेसर संजय चौहान ने कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी एनसीसी केडेट्स खुशनसीब है कि आपको एनसीसी का हिस्सा बनने का मौका मिला एवं भारतीय सेना को करीब से जाने का अवसर मिला ।
इस महाविद्यालय में एनसीसी लाने के लिए बहोत मेहनत लगी है, इसलिए सभी एनसीसी केडेट्स को इसका फायदा उठाके अपने जीवन का लक्ष्य हासिल करना चाहिए ।
कैडेट विजय डावर ने डॉ भीमराव अंबेडकर जी के बारे में बताते हुए कहा कि अगर सिर्फ मरने की डर से खाते हो तो अभी मर जाना, मामला खत्म मेहनत बच जाएगी मरना तो सबको एक दिन इसलिए जीयो तो समाज मे बदलाव लाने के लिए भी जियो ।
कैडेट पलक सुल्या ने एनसीसी के प्रथम वर्ष में अपने अनुभव साझा किए ।
कैडेट प्रज्ञा पाटिल ने कहा जो हर युवा के खून में जोश भर देता है एनसीसी सिर्फ एक संगठन ही नहीं यह एक जज्बा है एक जुनून है देशभक्ति की वह भावना है जो हर दिल को धड़काती है ।
एनसीसी दिवस के इस अवसर पर कैडेट दीपिका चौहान ने एक सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सीनियर अंडर ऑफिसर साकेत द्विवेदी ने किया ।
एनसीसी दिवस की सभी गतिविधियों का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एस वास्कले के निर्देशन में आयोजन हुआ।