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मंडी प्रशासन की लापरवाही से व्यापारियों के होंसले बुलंद, किसानों को बना रहे धोखाधड़ी का शिकार

डिवाइस लगाकर रिमोट कंट्रोल से इलेक्ट्रॉनिक कांटे से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी करने वाले फुटकर पिता -पुत्र व्यापारी को शिवना के किसानों ने पकड़कर किया पुलिस के हवाले

सत्याग्रह लाइव झिरन्या (खरगोन) :- जिले का आदिवासी बहुल आकांक्षी विकासखंड झिरन्या किसानों की दशा सुधारने में कितना सफल होता दिखाई दे रहा है! बुधवार को ग्राम शिवना की घटना ने यह साफ़ कर दिया है कि किस तरह से क्षैत्र के व्यापारी किसानों को धोखाधड़ी का शिकार बनाकर उनकी खून-पसीने की कमाई पर ढाका डाल रहे हैं। किसानों ने बताया कि विगत् 20 वर्षों से क्षैत्र में कृषि उपज खरीदी का व्यापार कर रहे फुटकर व्यापारी याकूब मस्जिद तथा उसके पुत्र सलमान मस्जिद दोनों निवासी बिलनखेड़ा द्वारा ग्राम शिवना के कृषक शोभाराम यादव के घर से करीब 5 क्विंटल 24 किलो कपास खरीद कर अपने पिकप वाहन में रख लिया। जब किसान को व्यापारी के इलेक्ट्रॉनिक तोलकांटे पर शक हुआ तो उसने कपास को अन्य कांटे पर तुलवाया तो कपास का वजन 6 क्विंटल 09 किलो निकला। 85 किलो वजन की हेरा-फेरी देखकर किसान के होश उड़ गए। गांव के अन्य किसान इकट्ठा होने पर इलेक्ट्रॉनिक कांटे एवं व्यापारी की तलाशी ली तो पता चला कि फुटकर व्यापारी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तोलकांटे को रिमोट कंट्रोल की सहायता से कपास के तोल में गड़बड़ी की जा रही थीं। इलेक्ट्रॉनिक कांटे से जुड़े रिमोट कंट्रोल को व्यापारी ने पेंट की जेब में छुपा रखा था जिसे कृषक शोभाराम यादव द्वारा पकड़ लिया गया। जब इस सनसनीखेज घटना की सूचना मंडी के अधिकारी कर्मचारीयों को लगी तो हड़कंप मच गया। भीकनगांव मंडी उपनिरीक्षक रामकुमार जोशी ने आनन-फानन में मौके पर पहुंचकर पिकप क्रमांक MP 09 GH 2703 बोलेरो गाड़ी सहित तोलकाटा व रिमोट को जप्त कर फुटकर व्यापारी याकूब मस्जिद व पुत्र सलमान याकूब मस्जिद को पुलिस के सुपुर्द किया तथा मंडी सचिव तथा नाप तौल विभाग के जिला अधिकारियों को तत्काल सूचना दी गई। किसानों ने पुलिस थाना चैनपुर पहुंचकर धोखाधड़ी करने वाले फुटकर व्यापारी पिता-पुत्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है । जिला नापतोल कार्यालय से झिरन्या पहुंचे निरीक्षक अंबिकेश चौहान नापतोल विभाग ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक तोलकांटे की जांच करने पर तोल कांटे में छेड़छाड़ होना प्रमाणित होकर शिकायत सही पाई गई है जिसका पंचनामा तैयार किया गया है। आदिवासी बहुल क्षेत्र झिरन्या के किसानों से धोखाधड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है विगत माह भी क्षैत्र के एक पंजीकृत व्यापारी ने किसान से खरीदे गए सोयाबीन की उपज का अनुबंध अनुसार भुगतान न करते हुए उपज मुल्य का कम भुगतान किया था जिसकी शिकायत किसान ने तत्कालीन एसडीएम बीएस कलेश से की थी। शिकायत की जांच सही पाये जाने के उपरांत भी व्यापारी के विरुद्ध कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं करतें हुए पीड़ित अशिक्षित किसान को व्यापारी से भुगतान के अंतर की राशि दिलवाकर मामला रफा-दफा कर दिया गया था। व्यापारियों द्वारा किसानों से जानबूझकर आर्थिक धोखाधड़ी करना तथा मंडी के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसे व्यापारियों पर ठोस कार्यवाही न करना सिर्फ और सिर्फ लापरवाही तथा सांठ-गांठ की ओर इशारा करती है।

किसानों ने आगे बताया कि क्षैत्र में वर्षो से कुकुरमुत्ते की तरह पग-पग पर अपना डेरा जमायें कुछ पंजीकृत तथा अपंजीकृत व्यापारी कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारी-कर्मचारीयों से सांठ-गांठ कर भोले-भाले किसानों को किस तरह से चूना लगा रहे हैं। आगे कहा कि कहने को तो झिरन्या मुख्यालय पर किसानों के लिए कृषि उपज उप मंडी स्थित है लेकिन वास्तविकता यह है कि इस कृषि उपज उप मंडी में प्रतिदिन बमुश्किल औसतन 5-6 किसान ही अपनी उपज बेचने पहुंच पाते हैं। इस उप मंडी तक कृषि उपज लाने वाले किसानों को व्यापारी रास्ते में ही रोककर या व्यापारी खुद गांव-गांव पहुंचकर ओने-पोने दाम पर उपज खरीद लेते हैं तथा उपज की जमाखोरी कर मंडी शुल्क की जमकर चोरी करते हैं। उप मंडी में पदस्थ प्रभारी सचिव तथा उपनिरीक्षक की कृपा से व्यापारीयों का यह खेल वर्षों से जारी है। मंडी के जवाबदार अधिकारी इन व्यापारियों के गोदामों पर निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। उप मंडी में पदस्थ कोई कर्मचारी नहीं मुख्यालय में रात रूकता है जिससे दूर-दूर से वाहनों से उपज लेकर आने वाले किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्षैत्र के किसानो को मंडी के बाहर व्यापारीयों को मजबूरन अपनी उपज ओने-पोने दाम पर बेचने पर विवश होना पड़ता है।

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