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खंडवा; सवा लाख रूपये महीना कमाने वाले जीएसटी अधिकारी को 20 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने धर दबोचा, जानें मामला

खंडवा। मुश्ताक मंसूरी। खंडवा नगर में शुक्रवार दोपहर लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जीएसटी के एक बड़े अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है । इस रिश्वतखोर अधिकारी के द्वारा निमाड़ सहित आसपास के क्षेत्र के व्यापारियों को लगातार कई दिनों से जीएसटी के रजिस्ट्रेशन या जीएसटी से जुड़े दूसरे नियम संगत कार्यों के बावजूद रिश्वत के लिए परेशान किया जा रहा था । इसी बीच निमाड़ के खरगोन जिले के सनावद की एक अकाउंट कंसल्टेंसी फर्म से जुड़े एक व्यापारी के जीएसटी रेवोकेशन को लेकर लाख रुपए महीना से अधिक कमाने वाले इस रिश्वतखोर अधिकारी ने 20 हजार रु रिश्वत की मांग कर डाली । जिसकी शिकायत लोकायुक्त इंदौर तक पहुंची, और इस अधिकारी को रंगे हाथों धर लिया गया।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था
लोकायुक्त डीएसपी इंदौर प्रवीन बघेल ने बताया कि रू खरगोन जिले के सनावद के रहने वाले राहुल बिरला ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया था की उनकी फर्म लक्ष्य एकाउंटिंग सॉल्यूशन सनावद में है। जिसमे वे अपने से जुड़े कई व्यापारी बंधुओ के जीएसटी रिटर्न और एकाउंटिंग का कार्य करते हैं। खंडवा के सीजीएसटी कार्यालय में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी द्वारा उनके एक क्लाइंट की मेडिकल फ़र्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था, जिसे वापस रिवोक करना था। साथ ही और भी क्लाइंटों की तीन फर्मों में पते तथा मोबाइल नंबर का अमेंडमेंट कराना था। इन सभी कामों के लिए सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी के द्वारा 20 हज़ार रुपये की रिश्वत माँगी जा रही थी । इसके बाद शुक्रवार को इंदौर से आए लोकायुक्त पुलिस के एक ट्रैप दल ने आरोपी सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी सीजीएसटी प्रभाग खंडवा को 20 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके ऑफिस के कक्ष में ही रंगे हाथ ट्रैप कर लिया और उनके हाथ धुलाने पर हाथ लाल हो गए । इस मामले में लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की है ।

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