बुरहानपुर में छात्राओं ने घेरा डीईओ कार्यालय, उर्दू शाला में हिंदी माध्यम शिक्षकों की नियुक्ति पर जताया आक्रोश, कहा जल्द मांगे पूरी नहीं तो टीसी लेकर अपनी पढ़ाई छोड़ देंगी
बुरहानपुर। गणेश दुनगे। बुरहानपुर जिले में उर्दू माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर छात्राओं का विरोध प्रदर्शन बुरहानपुर के शासकीय उर्दू हायर सेकेंडरी स्कूल, हरीरपुरा में हिंदी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति से नाराज छात्राओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध तब शुरू हुआ जब शिक्षा विभाग ने स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए हिंदी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की। नाराज छात्राओं ने पहले स्कूल प्रशासन के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान न दिए जाने के बाद, छात्राएं जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय पहुंच गईं। वहां उन्होंने कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की और शिक्षा विभाग के इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की।
बोर्ड परीक्षा नजदीक, पढाई प्रभावित-
छात्राओं का कहना है कि उनकी बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं और ऐसे समय पर हिंदी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी। उर्दू माध्यम के विषयों की पढ़ाई हिंदी में कराना उनके लिए चुनौतीपूर्ण है और यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा है। छात्राओं ने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की कि स्कूल में उर्दू माध्यम के शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति की जाए। इसके अलावा, जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं होती, तब तक पहले से पढ़ा रहे उर्दू माध्यम के अतिथि शिक्षकों को ही पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए।
मांगे पूरी नहीं तो पढ़ाई छोड़ देंगी-
छात्राओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर तीन दिनों के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे स्कूल की तालाबंदी कर सामूहिक रूप से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) लेकर अपनी पढ़ाई छोड़ देंगी।
छात्राओं ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उनकी उर्दू शाला में लगातार हिंदी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावट आ रही है और उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगी।
जल्द नियुक्ति की जाएगी
प्रदर्शन के बीच जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी छात्राओं से मिलने पहुंचे और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि हिंदी माध्यम के शिक्षकों को उर्दू माध्यम की स्कूलों से हटाकर हिंदी माध्यम की शालाओं में भेजा जाएगा, और उर्दू माध्यम के शिक्षकों की जल्द से जल्द नियुक्ति की जाएगी