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सेंधवा; संत्सग और भागवत् कथा का श्रवण ईश्वरीय कृपा से ही संभव
सेंधवा। संसार में संतान सुख, धन-सम्पत्ति, यश, एश्वर्य आदि पूर्वजों के आशिर्वाद और पूण्य कर्माें से मिलता है, लेकिन संत्सग और भागवत् कथा का श्रवण ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। यह अमृत वाणी सेंधवा शहर स्थित महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज धर्मशाला में प्रख्यात भागवत मर्मज्ञ पं आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने भागवत कथा के तीसरे दिवस गुरूवार को कथा प्रवचन के दौरान कही। महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के गठन के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के अवसर पर भागवत् कथा का आयोजन किया जा रहा है। गुरूवार को कथा में भगवान के दशावतार की कथा और दत्तात्रेय प्राकट्य की कथा की कथा सुनाई गई।