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सेंधवा; आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यशाला आयोजित

सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में सेंधवा डॉक्टर ऐसोसिएशन के द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित कि गई।इस कार्यशाला में हरा पीला और लाल रंग के महत्व को यातायात नियमों के अनुसार और शारीरिक नियमों पर एक खेल के माध्यम से बताया। निहारिका सक्सेना चाइल्ड मेंटर ने जहां बताया कि हरा रंग जो आगे बढ़ने का प्रतीक है, सकारात्मक विचारों का प्रतीक है, वहीं पीला रंग सावधान करता कि आप भावनाओं के दलदल से बाहर निकलीए। वहीं लाल रंग खतरे का संकेत है ।इस विषय पर अपने विचार रखते हुए डॉ सुप्रिया चौपड़ा ने कहा हम यातायात के ग्रिन सिग्नल, येलो सिग्नल एवं रैड सिग्नल संबंधित नियमों का पालन करने पर भी आप अपने बहुत सारे निरर्थक विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं । आत्महत्या की घटनाओं में
विचारों का अहम रोल है ‌। इसके लिए आप को अपनी सोच को सही दिशा में ले जानी होगी । हौसले को बनाएं रखना होगा क्योंकि यह बात हमेशा ध्यान रखो कि कोई समस्या ऐसी नहीं है जिसका समाधान नही हो सके। उन्होंने विद्यार्थियों से सकारात्मक और आशावादी सोच विकसित करने को कहा । उन्होंने विचारों को नियंत्रित करने के गहरी सांस लेने को कहा । ऐसी ही छोटी छोटी बातों को आप पहले खुद लागू करके देखें फिर अपने अनुभव दुसरों को साझा करें । अतः में प्रश्नों के जवाब भी दिया गये । संचालन करते हुए डॉ राहुल सूर्यवंशी ने कहा कि पहले सुविधाओं के अभाव में बच्चों की मानसिक स्थिति मजबूत थी । जबकि आज सुविधाओं की मौजूदगी में बच्चों की मानसिक दयनीय है जो हम जैसे पालक शिक्षक को चिंता में डालती है । आभार मानते हुए जनभागीदारी सदस्य डॉ गिरिश कानुनगों ने कहा कि सेंधवा डॉक्टर ऐसोसिएशन विगत 20 सालों से समाज को जागरूक करने का काम करता आ रहा है । उन्होंने कहा आत्महत्या करना कोई नहीं चाहता फिर ऐसी कौन-सी परिस्थितियां हैं जो उसे आत्महत्या करने का कारण बन रही है । उन्होंने अंकों के आधार पर शिक्षा व्यवस्था से लेकर संयुक्त परिवार का विघटन तक के आत्महत्या संबंधित के कारण बताए । उन्होंने आभासी दुनिया के मकड़जाल में उलझने की बजाय वास्तविक रिश्तों की अहमियता पर बल दिया । उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संयुक्त परिवार या कुटुम्ब व्यवस्था में जीवन की काफी सारी समस्याओं का हल है जिसमें आत्महत्या भी है ।इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ जी एस वास्कले ,, सेंधवा डॉक्टर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आशुतोष शर्मा , डॉ अनुप सक्सेना, डॉ एम एल अवाया , डॉ राकेश जाधव,प्रो बी एस जमरे ,डॉ चंदा यादव सहित विद्यार्थी उपस्थित थे ।यह डॉ विकास पंडित ने दी ।

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