बड़वाह। महाविद्यालय में दो बजे बाद छा जाता हैं सन्नाटा ; कक्षाओं में लटके मिले ताले, मुक्ति फाउंडेशन संस्था ने किया महाविद्यालय का औचक निरीक्षण …
कपिल वर्मा बड़वाह। छात्रहित में सदैव आवाज उठाने वाली संस्था मुक्ति फाउंडेशन के छात्रों ने बुधवार को शासकीय महाविद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जिसमें ज्यादातर कक्षाओं में ताला लगा हुआ मिले, तो किसी कक्षा में 9 तो किसी में मात्र 8 छात्र ही मौजूद मिले। वही कुछ कक्षा में 30 छात्र मिले। पीजी की कक्षाओं का पूरा अपार्टमेंट ही खाली दिखाई दिया। दरअसल छात्र संस्था मुक्ति फाउंडेशन के छात्र शिवम बिरला व आंचल के नेतृत्व में कम उपस्थिति को लेकर एक बजकर तीस मिनट पर आवेदन देने गए। इस दौरान प्राचार्य मंगला ठाकुर ने जब सभी कक्षाएं लगाने की बात कही तब संस्था प्रमुख विशाल वर्मा ने निरीक्षण की बात कही जिस पर प्राचार्य ने निरीक्षण करवाया। तब आवेदन में लिखी एक एक बात सही पाई गई। प्राचार्य ने भी अपना पक्ष सदस्यों के सामने रखा जिसमें भर्ती प्रक्रिया का हवाला देते हुए संख्या का कम होना बताया। छात्रा आंचल पवार ने भी अचानक ड्रेस कोड परिवर्तन की आलोचना की व ड्रेस कोड ने छूट देने की मांग की। इस दौरान आंचल , सलोनी, अंजली, मधु, रोशनी, सरिता पायल नंदिनी आरती, गौतम पटेल, प्रवीन पटेल, युवराजसिंह , विकास शर्मा, गजराज सिंह, गौतम पटेल, विजय, अजय मंसोरे, गणेश, राम वर्मा, सतीश आदि उपस्थित थे।
आवेदन में की यह मांग —- संस्था सदस्यों ने आवेदन में माध्यम से प्राचार्य को अवगत कराया की विगत वर्षों से महाविद्यालय की दैनिक उपस्थिति की हालत बहुत दयनीय हैं। वर्ष 2023 की ओसत उपस्थिति 7 प्रतिशत से भी कम है और शाम साढ़े चार बजे की ओसत उपस्थिति 0.02 आधा प्रतिशत से भी कम हो जाती हैं। जिसका प्रमुख कारण कक्षाएं ठीक से संचालित नहीं होना हैं। शाम साढ़े चार बजे तक कक्षाएं लगना तो दूर दोपहर दो बजे ही अधिकांश कमरों में ताला लगा देखा जा सकता हैं। अधिकांश प्रोफेसर स्टाफ कक्षाओं में कम, स्टॉफ रूम या अन्य स्थान पर ज्यादा नजर आते हैं। छात्रों की उपस्थिति दर्ज करने वाली बायोमेट्रिक मशीन विगत कई वाहन से खराब पड़ी हैं। जिसकी ओर भी महाविद्यालय प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। ना ही कक्षाओं में ऑफलाइन रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज की जा रही। पूर्व के वर्षों में विज्ञान संकाय की उपस्थिति अच्छी रहती थी, लेकिन विगत एक डेढ़ वर्ष से इसकी भी हालत खस्ता है विगत महीनों बायोलॉजी की लैब दो-दो महीने तक बंद रही थी। मैथ्स के प्रोफेसर नहीं हैं। मास्टर डिग्री की कक्षाएं भी नहीं लग रही वर्ष 2023 में अर्थशास्त्र और राजनीति विषय की कक्षाएं पूरे वर्ष भर नहीं लगी हैं। यूनिफॉर्म ड्रेस कोड अनुशासन के लिए आवश्यक भी हो तो इसके लिए किसी भी छात्र को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। छात्र को वापस घर भेजना अनुचित है।