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इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को मिली मंजूरी 309 किलोमीटर की रेल लाइन बिछेगी,

अजजा आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य ने दी जानकारी

सेंधवा में भाजपा सदस्यों ने आतिशबाजी कर मिठाई बाटी

बड़वानी-सेंधवा। रमन बोरखड़े। इंदौर-मनमाड़ के बीच 309 किलोमीटर नई लंबी रेल लाइन डाली जाएगी। इसकी घोषणा सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद कर दी गई। यह रेल लाइन मध्यप्रदेश के 4 और महाराष्ट्र के 2 जिलों से होकर गुजरेगी। 30 लाख की आबादी आजादी के बाद पहली बार अपने क्षेत्र में ट्रेन देख सकेगी। इस मुद्दे को लेकर जिले के कई नेता कई बार सदन में रेल लाइन की मांग को लेकर प्रयासरत रहे है। वहीं पूर्व मंत्री और अजजा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य लगातार रेल लाइन की मांग को लेकर प्रयासरत रहते हुए पत्राचार करते रहे है। मोदी सरकार द्वारा इंदौर मनमाड परियोजना को स्वीकृति देने से क्षेत्र में हर्ष का वातावरण देखा गया। सेंधवा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नपा जनसंपर्क कार्यालय पर फटाके फोड़ कर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कर जश्न मनाया।जश्न बनाने पर अरुण चौधरी, प्रवक्ता सुनील अग्रवाल, मोहन जोशी, राहुल पवार, छोटू चौधरी, गणेश राठौड़, लला शर्मा, विजय स्वामी, बंटू आर्य, श्याम पाटिल, मयूर गर्ग, बबलू चौधरी विवेक तिवारी मौजूद थे ।

भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि मनमाड-इंदौर रेल परियोजना की स्वीकृति में सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्रदान किया गया। निमाड़ में रेल की मांग 1960 से उठती आई है। इसके लिए लोक सभा चुनाव में इंदौर मनमाड रेल का मुद्दा हमेशा बना रहा। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद रेल लाइन के लिए क्षेत्र के दोनो सांसद सुमेरसिंग सोलंकी, सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, इंदौर सांसद शंकरलाल लालवानी, धार सांसद व केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने संसद में कई बार रेल लाइन का मुद्दा उठाया। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य जब मप्र शासन में मंत्री थे, उन्होंने तत्कालीन सांसद सुमित्रा महाजन के साथ रेल लाइन का मुद्दा उठाया था। अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, को 8/7/24 को पत्र के माध्यम से रेल लाइन स्वीकृत कर आदिवासियों को सपना पूरा करने की मांग की थी। रेल लाइवन मंजूर होने पर आर्य ने हर्ष जताया।

अजजा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने बताया कि इस परियोजना से इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी। अभी इंदौर से गुजरात होकर ट्रेन मुंबई जाती है। इस परियोजना से मालवा सहित निमाड़ क्षेत्र को भी लाभ होगा। बता दे परियोजना पर केंद्र सरकार 18 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस परियोजना के महाराष्ट्र वाले हिस्से का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के हिस्से में भी काम होगा। पिछले साल इस परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने सर्वे भी कराया था। अजजा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट साल भर पहले ही तैयार हो गई थी। मनमाड़ से धुले के बीच 60 किलोमीटर लंबाई में काम शुरू हो चुका है। इस ट्रेक पर 300 से ज्यादा छोटे-बड़े ब्रिज, 25 से ज्यादा स्टेशन बनेंगे। इसके अलावा घाट सेक्शन में सुरंगें भी बनेंगी।

इन छह जिलों को फायदा
इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन जिले को फायदा होगा। इसके अलावा महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी फायदा होगा। पीथमपुर से रेल मार्ग से माल ढुलाई में आसानी होगी। इसके अलावा मांडू, महेश्वर जैसे पर्यटन क्षेत्र भी रेल के नक्शे पर आ सकेंगे। निमाड़ के किसानों को अपनी उपज महाराष्ट्र तक पहुंचाने में आसानी होगी।

इंदौर-मुंबई की दूरी 100 किमी कम होगी
अभी इंदौर से मुबंई के बीच रेल मार्ग की दूरी 650 किलोमीटर है, लेकिन इंदौर मनमाड़ रेल लाइन के बाद दूरी 100 किलोमीटर घट जाएगी। इससे यात्रियों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी। रेलवे को भी फायदा होगा।

आदिवासी बहुल जिलों को फायदा-
इस लाइन का सीधा फायदा इंदौर संभाग के तीन बड़े आदिवासी बहुल जिलों को होगा। बड़वानी ऐसा जिला है, जहां से कोई ट्रेन नहीं गुजरती, न कहीं लाइन है। धार जिले में दाहोद-इंदौर लाइन का काम चल रहा है। इसके अलावा छोटा उदयपुर लाइन भी प्रस्तावित हुई थी। अब मनमाड़ की नई लाइन धार जिले से होकर जाने पर धार जिले में यह तीसरा रेल प्रोजेक्ट होगा। अभी इन दोनों जिलों में केवल बस या निजी वाहन ही एक से दूसरे शहर जाने के लिए साधन मौजूद हैं।

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