सेंधवा उपजेल में ब्रह्माकुमारी बहनों ने कैदी भाइयों को बांधी राखी

सेंधवा। रमन बोरखड़े। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेंधवा की बहनों ने स्थानीय उप जेल में समस्त कैदियों को एवं उपस्थित उपस्थित स्टॉफ को रक्षा सूत्र बांधा। इस अवसर पर साधना दीदी ने कहा कि जब दुनिया में पापाचार, भ्रष्टाचार व अशांति बढ़ जाती हैं तो इसके साथ ही रक्षाबंधन का महत्व बढ़ जाता है। जितने भी रिश्ते हैं उनमें सबसे पवित्र रिश्ता भाई बहन का रिश्ता होता है। यही रिश्ता रक्षाबंधन की याद दिलाता है। साधना दीदी ने कहा कि सबसे पहले स्वयं की रक्षा विकारों से, स्वयं के अवगुणों से, स्वयं के दुर्गुणों से, नफरत से स्वयं की रक्षा करने की आवश्यकता है। जब जब हम इससे स्वयं की रक्षा कर लेंगे तब ही सच्चा रक्षाबंधन का त्यौहार मना पाएंगे।

राजयोग से मन का कंट्रोल हमारे हाथ-
राजयोगी हरीश भाई ने कहा कि हमारे अंदर ईर्ष्या, द्वेष, विकार, नफरत होने से खुशी खत्म हो गई है। जब हम इससे दूर हो जाते हैं तभी लंबे समय के लिए खुशी का अनुभव हो सकता है। कई बार हम ना चाहते भी देख लेते हैं ना चाहते भी व्यर्थ विचार आ जाते हैं। व्यर्थ कर्म हो जाता है, मतलब कंट्रोल हमारे हाथ में नहीं है राजयोग की शक्ति से मन का कंट्रोल हमारे हाथ में आता है तभी हम जो चाहे वह कर पाते हैं और जब इन विकारों से मुक्त हो जाते हैं तो जीवन में सुख शांति आने लगती है। शरीर का जो भोजन है, वह तो हम सब करते ही हैं लेकिन आत्मा का भोजन है सुख शांति, तो आत्मा के भोजन की आज सभी को बहुत-बहुत आवश्यकता है।
शंकर भाई ने कहा कि कोई भी व्यक्ति शराब पीता है या कोई व्यसन करता है तो वह बोलता है कि मेरी आदत हो गई है। मेरे संस्कार बन गए हैं तो कोई जन्म से तो वह शराब नहीं पीता है तो जन्म से तो कोई आदत नहीं हुई है उसकी लेकिन वह खुशी डिप्रेशन किसी भी कारण से नशा करता है और इसके अधीन हो गया है इसके लिए मन पर अनुशासन होना आवश्यक है और ब्रह्माकुमारी संस्थान राजयोग के माध्यम से नशा मुक्त जीवन बनाता है। एडवोकेट संजय भाई ने संस्था का परिचय दिया और बताया कि परमात्मा की याद से ही हम शक्तियों को प्राप्त कर सकते हैं और कर्मों में श्रेष्ठता ला सकते हैं। उन कर्मों के परिणाम स्वरुप ही हम देवी देवता जैसे महान पद को प्राप्त कर सकते हैं। विचार हमारे श्रेष्ठ होंगे तो कर्मों की फसल भी श्रेष्ठ होगी।

व्यसन नहीं करने की प्रतिज्ञा दिलाई-
ब्रह्माकुमारी राधा बहन ने सभी को प्रतिज्ञा कराई कि आगे से किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करेंगे विकारों से दूर रहेंगे मन वचन कर्म से किसी को दुख नहीं देंगे । इस पुण्य अवसर पर उपस्थित सभी कैदी भाइयों को ब्रह्माकुमारी साधना, राधा बहन, सकू बहन, रेखा बहन ने रक्षा सूत्र बांधे, तिलक लगाया और मुख मीठा कराया।