सेंधवा; सुमधुर गीतों से मो. रफी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये

सेंधवा। भारतीय सिनेमा के अग्रणी महान गायक स्वर्गीय मोहम्मद रफी साहब की 44वी पुण्यतिथि पर शहर के स्वरांजलि म्यूजिकल स्टूडियों पर तरन्नुम ए रफी मंच द्वारा एक संगीत सभा आयोजित की गयी। जिसमे शहर एवं बाहर से आये गायकों ने मोहम्मद रफी साहब के गाये एक से एक शानदार नगमों की प्रस्तुतियाँ दी। रफी साहब के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात गायकों ने सुरीले गीतों की बारिश कर दी।
अनिल चौधरी ने जब जब बहार आयी…, खरगोन से आये महेश शिंदे ने रुख से जरा नकाब उठा दो…, बंटी शर्मा ने तेरे नाम का दीवाना…, किशोर पंवार ने पुकारता चला हूँ मैं…, महेश्वर के गायक सईद खान ने तुम बिन जाऊं कहाँ…, उमरठी से आये निशान सिंह जुनेजा ने दिल की आवाज भी सुन…, पुरुषोत्तम कुलकर्णी ने दिल तेरा दीवाना है सनम…, अनिल मांडगे ने तुम जो मिल गये हो…, और तरन्नुम ए रफी मंच के संस्थापक डॉक्टर ओपी गंगे ने मैने चांद और सितारों की तमन्ना की थी… जैसे कालजई गीतों को गा कर रफी साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से रफी साहब के जीवन और फिल्मी सफर के चल चित्र का भी प्रदर्शन किया गया। डॉक्टर गंगे द्वारा मंच संचालन में रफी साहब के जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया गया।
कार्यक्रम में सुरेश ठनगन, सुधाकर इशी, समीर, अनिल जायसवाल आदि श्रोता उपस्थित थे ।