सेंधवा-निवाली नर्मदा जल परियोजना के टेंडर जारी, नर्मदा के पानी से सिंचित होगी क्षेत्र की कृषि भूमि
-सेंधवा परियोजना के लिए 1373 करोड़ रुपए और निवाली परियोजना के लिए 1063 करोड रुपए के टेंडर जारी
सेंधवा। रमन बोरखड़े।
सेंधवा और निवाली क्षेत्र में नर्मदा जल पहुंचाने की परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद अब इंदिरा सागर परियोजना विभाग ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिए है। टेंडर प्रक्रिया होने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
शनिवार को भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सेंधवा विधानसभा और निवाली क्षेत्र के गांव में नर्मदा के पानी से खेतों में सिंचाई के लिए पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य ने माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए प्रयास किया था। जिसकी डीपीआर बनाकर भेजी थी। आर्य के प्रयासों से डीपीआर को तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने वित्तीय स्वीकृति भी दे दी।
अब इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। इंदिरा सागर परियोजना विभाग ने सेंधवा और निवाली माइक्रो उद्वाहन सिंचाई परियोजना के लिए जो टेंडर जारी किए हैं। उसमें सेंधवा परियोजना के लिए 1163.80 करोड़ रुपए। जिसमें जीएसटी सहित 1373 करोड़ रुपए के टेंडर लगाए गए हैं।
वहीं निवाली परियोजना के लिए जीएसटी सहित 1063 करोड रुपए के टेंडर जारी हुए हैं। इसमें निर्माण एजेंसी को पूरी योजना का सर्वे कर इसकी डिजाइन बनाकर प्रदेश सरकार को भेजना है। परियोजना में अधिग्रहण होने वाली भूमि का सर्वे कर भूमि मुआवजा किसे देना है। इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। इस परियोजना को 6 साल में पूर्ण करना है। माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए पूर्व मंत्री और वर्तमान में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य लगातार प्रयास कर रहे थे। इसकी डीपीआर को तकनीकी स्वीकृति पूर्व में मिल गई थी। लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से योजना अधर में लटकी हुई थी। जिस पर गत दिनों
पूर्व अंतरसिंह आर्य ने परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव से मुलाकात कर डीपीआर सौंपी थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को वित्तीय स्वीकृति दे दी। इस परियोजना से सेंधवा, निवाली तहसील के हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में नर्मदा के पानी से सिंचाई होगी।
मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि-
पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा कि सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इस परियोजना के तहत तहसील में सबसे पहले झोपाली के घागरखेड़ा गांव में नर्मदा का पानी आएगा। जिसका लाभ झोपाली सहित पास के गांव को मिलेगा। आजादी से झोपाली क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। जहां पर कभी भी भाजपा को लीड नहीं मिली। उन्होंने बताया की यह मायने नहीं रखता की कौन से क्षेत्र से हमें लीड मिलती है और कौन से क्षेत्र से हमें नुकसान मिलता है।
मैं लगातार दो चुनाव हार गया हूं। पर क्षेत्र की जनता के प्रति मेरा लगाव हमेशा बना रहा है। मेरा जीवन क्षेत्र की जनता को समर्पित है। हमारा काम क्षेत्र का विकास कर क्षेत्र के लोगों को विकास की धारा से जोड़ना होता है।उनके जीवन स्तर को सुधारना है। यह परियोजना से हमारा यह मकसद है कि यहां का किसान भी पंजाब की तरह खेती कर संपन्नता प्राप्त करें। इस परियोजना के बाद यहां के विकास कार्य को देख झोपाली व आसपास के निवासियों की विचार धारा में परिवर्तन निश्चित रूप से आयेगा।
राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेट करते हुए अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य
एक नजर सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना पर-
इस परियोजना से सेंधवा तहसील के 63 गांव व राजपुर तहसील के 15 गांव कुल 78 गांव लाभवांवित होगें।इस परियोजना से 40 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई की जा सकेगी।परियोजना के अंतर्गत 7 पम्प हाउस का निर्माण किया जाना है। जिनकी कुल लिफ्ट क्षमता 465 मीटर होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1400 करोड़ रुपए है।
एक नजर निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना पर –
इस परियोजना से बड़वानी जिले के पाटी तहसील के 29 गांव बड़वानी तहसील के 10 गांव व निवाली तहसील के गांव कुल 82 गांव लाभान्वित होंगे। इस परियोजना से 30 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई की जा सकेगी। इस परियोजना के अंतर्गत 7 पम्प हाउस का निर्माण किया जाना है।जिनकी कुल लिफ्ट क्षमता 360 मीटर होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1090 करोड़ रुपए है।