बड़वानी; आशाग्राम ट्रस्ट चला रहा है सिकल सेल को जाने अभियान, सिर्वी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित हुई सिकल सेल जागरूकता कार्यशाला

बड़वानी। सिकल सेल बीमारी को दशकों पहले वैज्ञानिकों के द्वारा पहचान लिया गया था। जिसे क्रमशः 1910 में पहचान के बाद डेढ़ दशक पश्चात अनुवांशिक होने की पुष्टि हुई वही लाल रक्त कोशिकाओं में सिकल सेल विकृति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई। वर्तमान परिपेक्ष में बात करें तो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा इत्यादि प्रदेशों में सिकल सेल से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या अधिक है। उक्त बातें लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फगवाड़ा पंजाब से एक माह की इंटर्नशिप पर आशाग्राम ट्रस्ट आए स्कॉलर श्री अमन केसरी ने सीरवी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित सिकल सेल को जाने कार्यक्रम के दौरान कही। श्री अमन के द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को सिकलसेल के प्रति जागरूक किया और विस्तार से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस दौरान जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के माध्यम से संयोजित कार्यक्रम में निशक्तजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत सिकल सेल को दिव्यांगता की श्रेणी में समावेशित करने के साथ-साथ बेहतर जीवन प्रबंधन एवं चिकित्सकीय परामर्श के द्वारा जीवन को सुगमता दी जा सकती है के विषय मे विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन उप प्राचार्य श्रीमती वीणा गुप्ता एवं आभार प्रदर्शन प्राचार्य श्री गोविंद भायल के द्वारा किया गया। इस दौरान सिर्वी इंटर नेशनल स्कूल का समस्त स्टॉफ उपस्थित थे