अंतरसिंह आर्य ने सीएम से मुलाकात कर सेंधवा और निवाली में नर्मदा जल लाने की योजना को वित्तीय स्वीकृति देने की मांग की

सेंधवा। रमन बोरखड़े। सेंधवा और निवाली क्षेत्र में नर्मदा का जल लाने के लिए माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को वित्तीय स्वीकृति दिलाने के लिए पूर्व मंत्री व अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने सीएम डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। लोकसभा चुनाव के बाद आर्य ने सेंधवा और निवाली क्षेत्र में नर्मदा जल लाने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान आर्य ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर योजना की डीपीआर देते हुए शीघ्र वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के लिए पत्र सौंपा है।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि पूर्व मंत्री व अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिह आर्य ने अपने मंत्रीकाल में इस योजना की नींव रख कर इस परियोजना की डीपीआर तैयार करवाई थी। चुनाव आने पर यह योजना पेंडिंग हो गई। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के चाचरिया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस परियोजना की स्वीकृति की घोषणा मंच से की थी, लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं होने से यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। इसी के संबंध में पूर्व मंत्री अंतरसिंह आर्य ने अपने मप्र प्रवास के दौरान वे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलकर सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना व निवाली माइक्रो उद्वहन परियोजना की डीपीआर देकर वित्तीय स्वीकृति की मांग की है।
सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना
इस परियोजना से सेंधवा और राजपुर के 78 गांव के किसानों व नागरिकों को लाभ मिलेगा। सेंधवा तहसील के 63 गांव व राजपुर तहसील के 15 गांव को लाभ मिलेगा। इस परियोजना से 40 हजार हेक्टयेर से अधिक भूमि में सिंचाई की जा सकेगी।परियोजना के अंतर्गत 7 पम्प हाउस का निर्माण किया जाना है। जिनकी कुल लिफ्ट क्षमता 465 मीटर होगी।परियोजना की अनुमानित लागत 14 सौ करोड़ रुपए है।
निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना-
इस परियोजना से पाटी तहसील के 29 गांव बड़वानी तहसील के 10 व निवाली तहसील के 35 गांव लगभग 82 गांव लाभान्वित होंगे। इस परियोजना से 30 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई की जा सकेगी। परियोजना के अंतर्गत 7 पम्प हाउस का निर्माण किया जाना है। जिनकी कुल लिफ्ट क्षमता 360 मीटर होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1 हजार 90 करोड़ रुपए है। दोनों योजनाऐं विभाग से स्वीकृत हो चुकी है। हाई पावर कमेटी में अनुमोदित होना है। आर्य ने जनहित में योजनाओं की महत्ता को देखते हुए स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
200 करोड़ बढ गई लागत-
योजना के लम्बित होने से परियोजना की लागत बढ़ रही है। जिस समय सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की डीपीआर बनाई गई थी। उस समय इसकी अनुमानित लागत 1 हजार 200 करोड़ थी। जो अब बढ़कर करीब 1 हजार 400 करोड़ हो गई है। इसलिए इसके शीघ्र स्वीकृति के लिए आर्य प्रयासरत हैं।
सीएम ने जल्द स्वीकृति दिलवाएंगे-
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही इस परियोजना को वित्तीय स्वीकृति दिलवाकर सेंधवा में नर्मदा का पानी पहुंचाएंगे। वहीं इस संबंध में आर्य ने मप्र मुख्य सचिव वीरा राणा से भी मुलाकात कर इस परियोजना के संबंध में चर्चा कर योजना की। उन्हें भी डीपीआर देकर योजना को अतिशीघ्र कार्य योजना में लाने का अनुरोध किया।
