खरगोनधर्म-ज्योतिषमुख्य खबरे

बड़वाह। गुगल पर शास्त्र मिल सकता हे परंतु उसके गहरे अर्थ उसी से सुनने को मिलेंगे जिस पर सद्गुरु की कृपा होगी—-पंडित श्याम मनावत

कपिल वर्मा बड़वाह। निमाड़ क्षेत्र में नर्मदा के दोनो तट के रहवासियों का यह सौभाग्य ही हे की एक तरफ जहां उत्तर तट पर भगवान राम की कथा की अमृत वर्षा हो रही हे तो दूसरी ओर दक्षिण तट पर शिव महापुराण की ज्ञान गंगा बह रही हैं। और श्रद्धालु दोनों कथाओं के भव सागर में गोते लगा रहे हैं। नर्मदा के उत्तर तट पर स्थित सुंदरधाम आश्रम में मंगलवार को 76वे विष्णु महायज्ञ के अवसर पर आयोजित राम कथा में भक्त राम कथा से भाव विभोर होते रहे। कथा के दूसरे दिवस व्यास पीठ पर कालापीपल के पंडित श्याम जी मनावत ने रामकथा का श्रवण भक्तो को कराया। जिसमे पंडित श्याम जी मनावत ने कहा की बिना सद्गुरु की कृपा के शास्त्र के गहरे रहस्य समझे ही नहीं जा सकते हैं। जब तक आप पर सद्गुरु की कृपा नही होगी तब तक शास्त्र के अर्थ नही समझे जा सकते। राम चरित मानस की चोपाइयो में बहुत गहरे रहस्य हैं और उनके अर्थ हे किंतु उन्हें सद्गुरु की कृपा दृष्टि से ही समझा जा सकता है। आज के गुगल के युग में कथा सुनी जा सकती हैं। किंतु शास्त्र के अर्थ नही खोजे जा सकते हैं। गुगल के पास सिर्फ सूचनाओं का संग्रह हे। जबकि जिस कथाकार पर सद्गुरु की कृपा होती है। उसे सद्गुरु के जप, तप, ध्यान, साधना सबका प्रतिफल और आशीर्वाद मिलता हैं। यह जप, तप, ध्यान, साधना आपको गुगल से नही मिलेगी। सिर्फ कथा सुनी जा सकती हे। किंतु उसके अर्थ नही खोजे जा सकते हे। दोपहर तीन से शाम छः बजे तक चल रही राम कथा में हजारों श्रद्धालु राम कथा का आनद ले रहे हे। भक्तो के लिए आश्रम में सुबह बाल भोग के साथ सुबह शाम का भोजन भी अखंड भंडारे के रूप में चल रहा हे। जिसमे हजारों श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण कर रहे हे। प्रतिदिन कथा की समाप्ति के बाद शाम 7 बजे मां नर्मदा की संगीतमय आरती में भी सभी भक्तगण शामिल हो रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!