सेंधवा; गोवर्धन पर्वत की झांकी भी बनाकर 56 भोग लगाया, अन्नकूट आंटा

सेंधवा। निवाली रोड स्थित वैभव इंडस्ट्रीज में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को कथा वाचक पूज्य संत मुरारी बापू ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के साथ कंस वध, पूतना वध, गोवर्धन पर्वत का प्रसंग सुनाया। कथा स्थल पर गोवर्धन पर्वत की झांकी भी बनाई गई। कथा के दौरान 56 भोग की प्रसादी का भोग लगाकर अन्नकूट प्रसादी का वितरण किया गया। प्रवचन के दौरान बापू ने कहा कि स्नान करने से तन की शुद्धि होती हैं। स्नान करने के बाद भगवान का स्मरण करना चाहिए। उसके बाद दिनचर्या शुरू करना चाहिए। यज्ञ से ब्राह्मण की शुद्धि होती है, धन की शुद्धि दान करने से होती है। कमाए धन से कुछ राशि धर्म के लिए निकालकर दान करना चाहिए। भगवान को हम धारण करते है तो सारे मोह माया से मुक्त हो जाते है। भिखारी को एक रुपया देने में जोर आता है, पर बच्चे पर धन उड़ाने में नहीं। क्योंकि भिखारी से हमें प्रेम नहीं है, पर बच्चे से प्रेम है। इसी तरह भक्त का भगवान से प्रेम है। बापू ने कहा कि नंद बाबा ने भी खूब धन उड़ाया पर उनका खजाना कभी खाली नहीं हुआ। भगवान पर लुटाए धन से नंद बाबा के यहां भगवान ने जन्म लिया। इंसान अपनी मौज मस्ती पर किए खर्च से दिवालिया हो सकता है, गरीब हो सकता है। धर्म दान के खर्च से उसके घर पर कभी धन की कमी नहीं रहती है।

कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए उन्होंने कंस वध, पूतना वध, गोवर्धन पर्वत और पूजा का प्रसंग सुनाया। इस दौरान कृष्ण लीला और गोर्वधन पर्वत की आकर्षक सजीव झांकी भी बनाई गई। कथा के अंत में 56 भोग लगाकर अन्न कूट प्रसादी का वितरण किया गया।
बापू को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया-
श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन अग्रवाल समाज और ब्राह्मण समाज ने कथा वाचक दिव्य मुरारी बापू को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। कथा के अंत में यजमान राजेंद्र शर्मा, वैभव शर्मा, राधेश्याम जोशी, मोहन जोशी, राजेश जोशी, दामोदर शर्मा ने महापुराण का पूजन कर आरती की।
यह रहे मौजूद-
इस अवसर पर नपा अध्यक्ष बसंती बाई यादव, प्रवक्ता सुनील अग्रवाल, नरेंद्र तायल, बद्रीप्रसाद शर्मा, चेतन अग्रवाल, कैलाश खलघाटवाले, श्रीप्रसाद यादव, ओम तायल आदि उपस्थित थे।
