सेंधवा; श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया, छोटे बच्चे श्रीकृष्ण की वेशभूषा में आए

सेंधवा। सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। छोटे बच्चे श्रीकृष्ण की वेशभूषा में आए थे। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर कथा स्थल को आकर्षक रूप से सजाया गया था।
माखन मटकी फोड़ जैसे आयोजन किए गए। शहर के निवाली रोड स्थित वैभव इंडस्ट्रीज में चल रही भागवत कथा के दौरान पूज्य संत दिव्य मुरारी बापू ने कहां कि सनातन धर्म की कुछ पहचान है। इसमें कुछ लोग चोटी रखते थे। भगवान श्रीकृष्ण भी मां यशोदा से चोटी रखने की जिद करते थे। आज लोगों को चोटी रखने में शर्म होती है।
देश गुलाम था जब हम नारे लगाते थे, गर्व से कहो हम हिंदू है। आज सब कुछ सनातन धर्म के अनुसार आजादी है। फिर भी हम चोटी क्यों नही रखते है। शिखा के पीछे वैज्ञानिक तथ्य है। हमें चोटी रखना चाहिए। कुछ लोग विवाह के एक दिन पूर्व जनेऊ धारण करते है यह बहुत गलत है।

जनेऊ के भी नियम कायदे-
जनेऊ के भी नियम कायदे है। हम भाग्यशाली है कि हमने सनातन धर्म में जन्म लिया है। बापू ने कहां कि असली पोषण भगवान की भक्ति से होता है। व्यक्ति उचित भोजन, व्यायाम करे वह व्यक्ति स्वस्थ, हष्ठ-पुष्ट होता है। उसी प्रकार भगवान की चर्चा करो भगवान का कीर्तन करो, भगवान का दर्शन करो, संतो का दर्शन करो, जितनी परिक्रमा करो, जितना तीर्थ दर्शन करो यह सब मोक्ष के मार्ग हैं।

रामायण के प्रसंग में उन्होंने बताया कि जब तक प्रभु राम नहीं आए। तब तक जटायु ने घायल होने के बावजूद अपने प्राण नहीं त्यागे। वे बड़े भाग्यशाली थे जिन्होंने भगवान के चरणों में प्राण त्याग दिए। हनुमान, जामवंत, अहिल्या भी भाग्य शाली हैं। कथा में रामायण के प्रसंग में भगवान राम का जीवन वर्णन भी बताया। चौथे दिन की कथा समापन पर यजमान राजेंद्र शर्मा ने भागवत पुराण की आरती करी। सोमवार को पांचवे दिन की कथा के बाद अन्नकूट प्रसादी का वितरण किया जाएगा।
