उत्तर-पूर्व भारत के डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तर का योग और प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल में पहली बार स्थापित किया जाएगा
: 15 एकड़ भूमि पर इस अत्याधुनिक संस्थान को विकसित करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा

डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा के साथ सर्बानन्द सोणोवाल ने केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (सीआरआईवाईएन) की आधारशिला रखी।
: सीआरआईवाईएन को भारत के कार्डियो वैस्कुलर रोगों (सीवीडी) के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल विकसित किए जाएंगे
: योग और प्राकृतिक चिकित्सा में अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और उच्च शोध के लिए शैक्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे
डिब्रूगढ़, : केंद्रीय आयुष और जाहजरानी, पोत और जलमार्ग मंत्री सर्बानन्द सोणोवाल और असम के मुख्यमंत्री के डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज डिब्रूगढ़ के दिहिंग खमतीघाट में 100 बिस्तरों वाले योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के साथ केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (CRIYN) की आधारशिला रखी। लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 15 एकड़ (45 बीघा) भूमि पर इस संस्थान को विकसित किया जाएगा। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य है कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा के पारंपरिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों के बीच वैज्ञानिक रूप से वैध और उपयोगी तालमेल स्थापित किया जाय। यह योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अनुसंधान में मानक स्थापित करेगा। यह अत्याधुनिक संस्थान साक्ष्य आधारित अनुसंधान के माध्यम से आयुष चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों का वैज्ञानिक सत्यापन करने में संक्षम होगा। योग और प्राकृतिक चिकित्सा में वैश्विक संवर्धन और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र के रूप में कार्य करने के अलावा यह संस्थान योग और वेलनेस क्षेत्र में स्टार्टअप के इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में भी काम करेगा।
इस अवसर केंद्रीय आयुष और जाहजरानी, पोत और जलमार्ग मंत्री सर्बानन्द सोणोवाल ने कहा की “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, आयुष आंदोलन को जबरदस्त बढ़ावा मिला है क्योंकि आयुष आज वैश्विक कल्याण का एक अग्रणी अभियान बन गया है। उत्तर-पूर्व के साथ भारत के विकास इंजन को पावरहाउस के रूप में स्थापित करने के लिए मोदी जी का निरंतर ध्यान बना हुआ है। आज, हम डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ अपनी तरह के पहले केंद्रीय अनुसंधान योग और प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की आधारशिला रख रहे हैं। असम और पूरे उत्तर-पूर्व को अपनी समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का उपयोग करने और आयुष क्षेत्र में विस्तार के लिए सशक्त बनाने के लिए मोदी जी के द्वारा प्रस्तुत एक प्रमाण है। प्रकृति माता ने हमें अपनी असीम सुंदरता का आशीर्वाद दिया है जो लोगों के लिए एक स्पर्श चिकित्सा के जैसे स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला सिद्ध होगा।
संस्थान कार्डियक रिहेबिलिटेशन, डायबिटिक रिहेबिलिटेशन, ऑटोइम्यून रोगों और एनसीडी जोखिम में कमी के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने के लिए नैदानिक प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान करेगा। संस्थान योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रोटोकॉल में अनुसंधान और विकास के साथ, CRIYN NCDs के प्रबंधन के लिए साक्ष्य आधारित प्रोटोकॉल विकसित करेगा। यह अस्पताल जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और समृद्ध करने के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रोटोकॉल के साथ रोगी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेगा।
श्री सर्बानन्द सोणोवाल ने कहा, डिब्रूगढ़ का इस क्षेत्र के तंत्रिका केंद्र के रूप में एक शानदार इतिहास रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न, यह हमेशा विकास के एक प्रमुख चालक के रूप में साबित हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरक नेतृत्व में 2014 के बाद से इस विकास गाथा को गति मिली है। जैसा कि मोदी जी उत्तर-पूर्व को भारत के आर्थिक विकास के पावरहाउस के रूप में सशक्त, सक्षम और ऊर्जावान बनाने के लिए एक बिंदु बनाते हैं, हम उस समय को पकड़ने के लिए एक अवसर की दहलीज पर खड़े हैं जब भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वैश्विक कल्याण आंदोलन में सबसे आगे आयुष का पुनरुत्थान न केवल भारत के लिए एक आर्थिक तर्क प्रदान करता है, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में एक उचित दिशा है – मोदीजी का एक दृष्टिकोण। आज की यह पहल इस सुंदर दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है
इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री भी उपस्थित थे, श्रम एवं रोजगार, रामेश्वर तेली; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, असम, केशब महंत; उद्योग एवं वाणिज्य तथा संस्कृति मंत्री, बिमल बोरा; डिब्रूगढ़ के विधायक व चेयरमैन, असम औद्योगिक विकास परिषद (एआईडीसी), प्रशांत फुकन; मोरन के विधायक, चक्रधर गोगोई, दुलियाजन के विधायक, तेराश गोवाला; लाहोवाल के विधायक, बिनोद हजारिका; चाबुआ के विधायक, पोनाकन बरुआ; नाहरकटिया के विधायक, इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह केंद्र इन-पेशेंट, आउट-पेशेंट और डे-केयर सेवाएं मुहैया कराएगा। केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं प्राकृतिक चिकित्सा आहार और पोषण, योग चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, क्रोमोथेरेपी, मैग्नेटो थेरेपी, फिजियोथेरेपी और हाइड्रोथेरेपी उपचार हैं। यह रोगियों को मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मधुमेह, सीवीडी, स्ट्रोक, अस्थमा, सीओपीडी, माइग्रेन, आईबीएस, आईबीडी, गठिया, ऑटोइम्यून रोगों, कैंसर, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद करेगा।