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अयोध्या में 22 जनवरी को सवा अरब राम नामका संग्रह समर्पित होगा – दीदी मां मंदाकिनीस्कीम 51 के माता मंदिर बगीचे में रामकथा महोत्सव में आज यज्ञ-हवन के साथ होगी राम महोत्सव की पूर्णाहुति

इंदौर, । रामायणम आश्रम अयोध्या की प्रमुख एवं युग तुलसी रामकिंकर महाराज की उत्तराधिकारी दीदी मां मंदाकिनी देवी ने संकल्प किया है कि वे देश के विभिन्न नगरों से भक्तों द्वारा राम नाम के सवा अरब लेखन को संग्रहित कर उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या ले जाकर अपने गुरूवर युग तुलसी रामकिंकर महाराज की समाधि पर समर्पित करेंगी। रामकिंकर महाराज भी रामचरित मानस के मर्मज्ञ एवं अनुठे विश्लेषक रहे हैं। दीदी मां ने अब तक एक अरब 20 लाख से अधिक राम नाम संग्रहित कर लिए हैं। इंदौर में पिछले चार दिनों में 5 लाख से अधिक राम नाम लेखन संपन्न हो चुके हैं। उन्होंने बुधवार को स्कीम 51 स्थित माता मंदिर बगीची में चल रहे श्रीराम महोत्सव में कहा कि राम कृपा को देखने और समझने की दृष्टि सत्संग से ही मिल सकती है। प्रभु राम तो अकारण कृपा करने के लिए ही बैठे हैं। सत्संग का पुरुषार्थ ही हमें राम नाम की महत्ता तक पहुंचाएगा।
प्राणाम्बरा माताजी मंदिर समिति स्कीम 51 एवं श्रीराम शिवशक्ति मंदिर समिति संगम नगर के तत्वावधान में गत 7 जनवरी से चल रहे श्रीराम महोत्सव में प्रतिदिन संगम नगर स्थित जैन मंदिर के पास, संत निवास पर सुबह सैकड़ों बच्चे राम नाम लेखन में जुटे हुए हैं, वहीं स्कीम 51 स्थित माता मंदिर बगीची में भी संध्या को हर उम्र के श्रद्धालु राम नाम लेखन कर रहे हैं। इन्हें राम नाम लिखने के लिए पुस्तिका और पेन समिति की ओर से दिए जा रहे हैं। पिछले चार दिनों में यहां करीब 5 लाख से ज्यादा राम नाम लिखे जा चुके हैं इसके पूर्व रायपुर एवं भिलाई सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित श्रीराम महोत्सव में एक अरब 20 लाख राम नाम लिखे जा चुके हैं। इस तरह अब 22 जनवरी को दीदी मां अयोध्या में सवा अरब राम नाम का संग्रह लेकर अपने गुरुवर की समाधि पर समर्पित करेंगी। संयोगवश जिस समय अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी वक्त युग तुलसी राम किंकर की समाधि पर उनका जन्मशती महोत्सव भी मनाया जाएगा।
बुधवार को स्कीम 51 में श्रीराम महोत्सव के दौरान दीदी मां मंदाकिनी देवी ने कह कि मानव जीवन में विवेक सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। विवेक का उदय संत की कृपा और सत्संग से ही संभव है। सच्चा सतसंग केवल भगवान की कृपा से ही सुनने और समझने का अवसर मिल पाता है। इस दृष्टि से स्कीम 51 और संगम नगर के श्रद्धालु भाग्यशाली हैं, जिन पर प्रभु राम की कृपा वृष्टि हो रही है। कलयुग में राम नाम को सबसे अधिक पुण्यदायी माना गया है। प्रभु राम केवल कृपा ही कृपा करते हैं, फिर भी हम जीवन में कुछ भी अनचाहा होने पर भगवान को ही कोसते रहते हैं। याद रखें कि सत्संग से ही हमें विवेक को समझने और देखने की दृष्टि मिलेगी। प्रभु का स्वाभाव तो अकारण कृपा करने का ही है, हमारे अंदर पात्रता होना चाहिए कि हम उनकी इस कृपा को समेट सकें। बुधवार को कथा शुभारंभ के पूर्व वरिष्ठ समाजसेवी गोपालदास मित्तल, राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन, वैष्णव ट्रस्ट के रवि सिंगी, गोविंद अग्रवाल, रविन्द्र गुप्ता, दीपक लिंबा, पार्षद पराग कौशल, रामसिंह राजावत, जवाहर अवस्थी, जे.पी. पांडे, एल.बी. शर्मा, श्रीमती राजकुमार यादव, श्रीमती शशि यादव, पारुल सोमानी, अन्ना सिंगारे, गगन यादव, रवि यादव, दिनेश टांक एवं गजेन्द्रसिंह सिसौदिया आदि ने व्यासपीठ एवं राम चरित मानस का पूजन किया।

अयोध्या में 22 जनवरी को सवा अरब राम नाम
का संग्रह समर्पित होगा – दीदी मां मंदाकिनी
स्कीम 51 के माता मंदिर बगीचे में रामकथा महोत्सव में आज यज्ञ-हवन के साथ होगी राम महोत्सव की पूर्णाहुति

इंदौर, । रामायणम आश्रम अयोध्या की प्रमुख एवं युग तुलसी रामकिंकर महाराज की उत्तराधिकारी दीदी मां मंदाकिनी देवी ने संकल्प किया है कि वे देश के विभिन्न नगरों से भक्तों द्वारा राम नाम के सवा अरब लेखन को संग्रहित कर उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या ले जाकर अपने गुरूवर युग तुलसी रामकिंकर महाराज की समाधि पर समर्पित करेंगी। रामकिंकर महाराज भी रामचरित मानस के मर्मज्ञ एवं अनुठे विश्लेषक रहे हैं। दीदी मां ने अब तक एक अरब 20 लाख से अधिक राम नाम संग्रहित कर लिए हैं। इंदौर में पिछले चार दिनों में 5 लाख से अधिक राम नाम लेखन संपन्न हो चुके हैं। उन्होंने बुधवार को स्कीम 51 स्थित माता मंदिर बगीची में चल रहे श्रीराम महोत्सव में कहा कि राम कृपा को देखने और समझने की दृष्टि सत्संग से ही मिल सकती है। प्रभु राम तो अकारण कृपा करने के लिए ही बैठे हैं। सत्संग का पुरुषार्थ ही हमें राम नाम की महत्ता तक पहुंचाएगा।
प्राणाम्बरा माताजी मंदिर समिति स्कीम 51 एवं श्रीराम शिवशक्ति मंदिर समिति संगम नगर के तत्वावधान में गत 7 जनवरी से चल रहे श्रीराम महोत्सव में प्रतिदिन संगम नगर स्थित जैन मंदिर के पास, संत निवास पर सुबह सैकड़ों बच्चे राम नाम लेखन में जुटे हुए हैं, वहीं स्कीम 51 स्थित माता मंदिर बगीची में भी संध्या को हर उम्र के श्रद्धालु राम नाम लेखन कर रहे हैं। इन्हें राम नाम लिखने के लिए पुस्तिका और पेन समिति की ओर से दिए जा रहे हैं। पिछले चार दिनों में यहां करीब 5 लाख से ज्यादा राम नाम लिखे जा चुके हैं इसके पूर्व रायपुर एवं भिलाई सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित श्रीराम महोत्सव में एक अरब 20 लाख राम नाम लिखे जा चुके हैं। इस तरह अब 22 जनवरी को दीदी मां अयोध्या में सवा अरब राम नाम का संग्रह लेकर अपने गुरुवर की समाधि पर समर्पित करेंगी। संयोगवश जिस समय अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी वक्त युग तुलसी राम किंकर की समाधि पर उनका जन्मशती महोत्सव भी मनाया जाएगा।
बुधवार को स्कीम 51 में श्रीराम महोत्सव के दौरान दीदी मां मंदाकिनी देवी ने कह कि मानव जीवन में विवेक सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। विवेक का उदय संत की कृपा और सत्संग से ही संभव है। सच्चा सतसंग केवल भगवान की कृपा से ही सुनने और समझने का अवसर मिल पाता है। इस दृष्टि से स्कीम 51 और संगम नगर के श्रद्धालु भाग्यशाली हैं, जिन पर प्रभु राम की कृपा वृष्टि हो रही है। कलयुग में राम नाम को सबसे अधिक पुण्यदायी माना गया है। प्रभु राम केवल कृपा ही कृपा करते हैं, फिर भी हम जीवन में कुछ भी अनचाहा होने पर भगवान को ही कोसते रहते हैं। याद रखें कि सत्संग से ही हमें विवेक को समझने और देखने की दृष्टि मिलेगी। प्रभु का स्वाभाव तो अकारण कृपा करने का ही है, हमारे अंदर पात्रता होना चाहिए कि हम उनकी इस कृपा को समेट सकें। बुधवार को कथा शुभारंभ के पूर्व वरिष्ठ समाजसेवी गोपालदास मित्तल, राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन, वैष्णव ट्रस्ट के रवि सिंगी, गोविंद अग्रवाल, रविन्द्र गुप्ता, दीपक लिंबा, पार्षद पराग कौशल, रामसिंह राजावत, जवाहर अवस्थी, जे.पी. पांडे, एल.बी. शर्मा, श्रीमती राजकुमार यादव, श्रीमती शशि यादव, पारुल सोमानी, अन्ना सिंगारे, गगन यादव, रवि यादव, दिनेश टांक एवं गजेन्द्रसिंह सिसौदिया आदि ने व्यासपीठ एवं राम चरित मानस का पूजन किया।

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