पढ़ा-लिखा होते हुए भी यदि व्यक्ति संस्कारी नहींहै तो वह समाज के लिए ज्यादा खतरनाक

बिजासन रोड स्थित अखंड धाम पर शंकराचार्य के सानिध्य में मंत्री विजयवर्गीय द्वारा गुरूकुलम के प्रपत्र का लोकार्पण
इंदौर। बिजासन रोड स्थित प्राचीन अखंडधाम आश्रम पर शनिवार को जगदगुरू शंकराचार्य, भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एवं अन्य संतों के सानिध्य में राज्य के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने श्री अखंडानंद गीता वेद वेदांग गुरुकुलम के आलेख पत्र का लोकार्पण किया। इसके साथ ही अखंड धाम आश्रम पर एक नए गुरूकुलम की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। विजयवर्गीय ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा तो सभी प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन संस्कार बहुत कम लोग ले पाते हैं। बिना पढ़ा-लिखा व्यक्ति संस्कारी है तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन यदि पढ़ा-लिखा होते हुए भी व्यक्ति संस्कारी नहीं है तो ऐसा व्यक्ति समाज के लिए खतरनाक होता है। संस्कार मां की कोख से मिलते हैं पर आजकल की माताएं टीवी के धारावाहिकों को देखने में इतनी व्यस्त रहती हैं कि उन्हें बच्चों में संस्कारों के रोपण का समय ही नहीं मिल पाता। इस स्थिति में गुरूकुलम जैसी संस्थाएं ही संस्कारवान नागरिक तैयार करेंगी।
प्राचीन अखंड धाम आश्रम पर चल रहे 56वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन की धर्मसभा में शनिवार को सदगुरू अण्णा महाराज, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, भानपुरा पीठ के उत्तराधिकारी स्वामी वरुणानंद, डाकोर से आए वेदांताचार्य स्वामी देवकीनंदन दास, लादूनाथ आश्रम के महंत रामकिशन महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी राधे राधे बाबा, हंसदास मठ के पं. पवनदास महाराज एवं उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद एवं संत मंडली भी भागीदार बनी। अतिथियों का स्वागत ज्योति डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव, संयोजक किशोर गोयल, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, सचिन सांखला, भावेश दवे, गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी, एमआईसी सदस्य निरंजनसिंह चौहान गुड्डू, ओमप्रकाश नरेड़ा, अशोक चौहान चांदू, ठा. विजयसिंह परिहार, अशोक गोयल, शैलेन्द्र मित्तल, दीपक चाचर, मोहनलाल सोनी, नरसिंह सांखला, आदित्य सांखला, वर्षा जैन आदि ने किया। गुरूवंदना सुश्री किरण ओझा ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में विधायक रमेश मेंदोला ने भी शनिवार को अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मंचासीन सभी संतों का स्वागत कर उनके शुभाशीष प्राप्त किए।
जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के सानिध्य में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए गुरुकुलम के आलेख पत्र का विमोचन भी किया और विश्वास भी व्यक्त किया कि इस तरह के गुरूकुलम बच्चों को संस्कारित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां हमारे पूर्वजों ने मंदिरों को टूटते हुए देखा है, जबकि हम ऐसे सौभाग्यशाली हैं, जो मंदिरों को बनता हुआ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार मां की कोख से मिलना शुरू हो जाते हैं, पर आजकल माताएं टीवी धारावाहिक देखने में व्यस्त रहती हैं और वे बच्चों को उतना समय नहीं दे पाती हैं। इस स्थिति में गुरुकुल जैसे संस्थान बच्चों को संस्कारों से समृद्ध और संपन्न बनाने में मददगार साबित होंगे। प्रारंभ में गुरूकुलम योजना के सूत्रधार ज्योति डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव ने गुरुकुलम की योजना की रूपरेखा बताई। प्राचार्य डॉ. तुलसीराम दुबे ने गुरूकुलम की स्थापना के लिए अखंड धाम के संस्थापक स्वामी अखंडानंद महाराज, स्वामी लक्ष्मणानंद महाराज एवं साध्वी मीराबाई की प्रेरणा एवं महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप के आशीर्वाद से योजना के क्रियान्वयन का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ग्यारह वर्ष तक की आयु वाले ब्राह्मण बच्चे यहां आकर वेदों एवं कर्मकांड की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें यहां भोजन एवं आवास की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी। धर्मसभा को महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, स्वामी आत्मानंद सरस्वती, रतलाम से आए स्वामी देवस्वरूप, महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, स्वामी राजानंद, महंत रामकिशन महाराज, स्वामी देवकीनंदन दास रामायणी आदि ने भी संबोधित किया। संचालन हरि अग्रवाल ने किया।
कार्यक्रम के अगले चरण में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शहर की यातायात व्यवस्था में सहयोग देने वाले स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं और यातायात मित्रों का आश्रम परिवार की ओर से सम्मान किया। विजयवर्गीय ने सभी सम्मानित यातायात मित्रों के सेवाकार्यों की सराहना करते हुए शहर को यातायात व्यवस्था में भी नंबर वन बनाने का आव्हान किया। विजयवर्गीय ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के विराजमान होने के उपलक्ष्य में अखंड धाम सहित शहर के सभी धर्मस्थलों पर दीपावली जैसा भव्य उत्सव मनाने का भी आव्हान किया।