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अखंड धाम पर 56वें अ.भा.वेदांत संत सम्मेलन में आएंगे देश के 40 प्रमुख संत

–अनेक मुद्दों पर होगा मंथन
जगदगुरू शंकराचार्य, जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज एवं युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि भी आएंगे

Indore। बिजासन रोड स्थित प्राचीन अविनाशी आश्रम अखंड धाम पर 56 वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन का आयोजन 27 दिसम्बर से 2 जनवरी तक होगा। सम्मेलन में देश के जाने-माने 40 से अधिक संत, विद्वान, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर एवं तपस्वी संत आएंगे और आम नागरिकों को सनातन धर्म, वेदांत की उपयोगिता, धर्म एवं संस्कृति से जुड़े विषयों के साथ ही सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर भी अपने विचारों से अवगत कराएंगे। आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ, स्वामी चेतनस्वरूपजी महाराज के सानिध्य में प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक संत, विद्वानों के प्रवचन होंगे। आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की 56 वीं पुण्यतिथि पर 2 जनवरी को दोपहर 12 बजे सैकड़ों भक्त हाथों में दीपक एवं मोमबत्ती लेकर आदरांजलि समर्पित करेंगे। सम्मेलन में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज सहित 40 से अधिक संत आएंगे। चित्रकूट पीठाधीश्वर डॉ.स्वामी विद्या वाचस्पति दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर भी विचार मंथन होगा।
सम्मेलन की आयोजन समिति के संयोजक किशोर गोयल, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, महासचिव सचिन सांखला एवं सचिव भावेश दवे ने सम्मेलन की तैयारियों का अवलोकन कराते हुए बताया कि सम्मेलन का शुभारंभ बुधवार, 27 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के मुख्य आतिथ्य एवं जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के विशेष आतिथ्य तथा चित्रकूट पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में होगा। इस सम्मेलन में सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक विषयों को भी शामिल किया गया है। इनमें राष्ट्रप्रेम, यातायात सुधार, नारी आत्म रक्षा, नशा मुक्ति,संयुक्त परिवार एवं सायबर अपराधों से जुड़े मुद्दे शामिल रहेंगे। इन विषयों पर प्रतिदिन एक-एक वक्ता एक-एक विषय पर अपना पक्ष रखेंगे। इसके अलावा ‘ जीवन में गुरू का महत्व’, ‘सनातन धर्म क्या है’, ‘शिवोहम की महिमा’, ‘मानव जीवन में वेदांत की उपयोगिता’, ‘अध्यात्म की आवश्यकता’ एवं सीधे परमात्मा से कैसे जुड़े जैसे विषयों पर भी देश के जाने-माने संत-विद्वान मार्गदर्शन करेंगे।

सम्मेलन में मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती, हरिद्वार के स्वामी भास्करानंदजी , चारधाम मंदिर उज्जैन के स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि, वृंदावन के वेदांताचार्य स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, कुरुक्षेत्र के महामंडलेश्वर स्वामी श्री शाश्वतानन्द गिरि, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद, उज्जैन सिद्धपीठ के स्वामी नारदानंद, स्वामी वीतरागानंद, विद्याधाम इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि, चौबारा जागीर के वेदांत भूषण स्वामी नारायणानंद, चित्रकूट के स्वामी प्रभुतानंद, वृंदावन के स्वामी जगदीश्वरानंद, डाकोर गुजरात के देवकीनंददास रामायणी, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, आनंदमयी पीठ के स्वामी केदार महाराज, छत्रीबाग के महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास, खातीपुरा राम मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास महाराज, हंसदास मठ के स्वामी रामचऱणदास, सदगुरु राष्ट्रसंत श्री अण्णा महाराज, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही, वाल्मिकी धाम उज्जैन के बालयोगी उमेश नाथ महाराज, सोनकच्छ के महंत लवचंद्रदास, अयोध्या के स्वामी शिवरामानंद, ईश्वर प्रेम आश्रम इलाहाबाद की साध्वी भक्तिप्रिया, सारंगपुर की भागवताचार्य अर्चना दुबे, रतलाम के स्वामी देवस्वरूप, अमरनाथ कुटी के स्वामी अरुणगिरि, भीलवाड़ा के स्वामी सहजानंद, भीलवाड़ा की ही साध्वी भागवताचार्य पद्माजी, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती, अखंड परमधाम इंदौर की साध्वी चैतन्य सिंधु, लादूनाथ महाराज के शिष्य महंत रामकिशन महाराज एवं उज्जैन के स्वामी वेदानंद सहित 40 से अधिक संत इस संत सम्मेलन में पधारंगे और विभिन्न विषयों पर प्रतिदिन अपने विचार व्यक्त करेंगे। सम्मेलन स्थल पर भक्तों की सुविधा के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं।

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